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सही समय पर कैंसर की पहचान और उपचार से बच सकती है कैंसर मरीजों की जान

– क्लोज़ द केयर गैप की थीम पर 4 से 10 फरवरी तक चलाया जा रहा कैंसर जागरूकता अभियान

– लक्षणों की पहचान के लिए कैंसर के विभिन्न प्रकारों की जानकारी जरूरी

मुंगेर, 07 फरवरी-
‘कैंसर जैसी बीमारी भी लाइलाज नहीं है। संतुलित खान-पान और समय रहते यदि इसकी जांच एवं उपचार करा लिया जाए तो लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी ठीक हो सकते हैं।’ उक्त बातें जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. के. रंजन ने कही। सोमवार को सदर अस्पताल स्थित कैंसर जागरूकता शिविर में उन्होंने बताया कि पहले के दिनों में यह बीमारी लाइलाज हुआ करती थी, लेकिन आज के समय में कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है। मगर इसके लिए समय पर इसकी पहचान होना बेहद जरूरी है। ताकि, सही समय पर मरीज का इलाज शुरू कर उसकी जान बचाई जा सके। उन्होंने बताया कि कैंसर जैसी भयानक बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन भी किया जा रहा है।
सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन :

जिला गैर संचारी रोग (एनसीडीओ) डॉ. के . रंजन ने बताया कि सदर अस्पताल मुंगेर के साथ-साथ अनुमंडल अस्पताल तारापुर व रेफरल अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क कैंसर जांच के लिए शिविर का आयोजन किया गया है। साथ ही, सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर भी कैंसर जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया है। इस दौरान यहां आने वाले लोगों की कैंसर की निःशुल्क जांच की जा रही है। इसके साथ ही कुछ सामान्य कैंसर जैसे ब्रेस्ट कैंसर एवं मुंह के कैंसर इत्यादि के संभावित कारणों, लक्षणों एवं उससे बचाव के लिए जरूरी परामर्श भी दिए जाएंगे।
कैंसर से बचाव को सावधानी व सतर्कता जरूरी :
उन्होंने बताया कि इस वर्ष कैंसर जागरूकता अभियान की थीम ‘क्लोज़ द केयर गैप’ रखा गया है। कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए सावधानी व सतर्कता जरूरी है। इससे बचाव के लिए इसके विभिन्न कारण और लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन मुंह कैंसर का प्रमुख कारण है।
कैंसर की मुख्य श्रेणियां
– कार्सिनोमा: ऐसा कैंसर जो कि त्वचा में या उन ऊतकों में उत्पन्न होता है, जो आंतरिक अंगों के स्तर या आवरण बनाते हैं।
– सारकोमा: ऐसा कैंसर जो कि हड्डी, उपास्थि, वसा, मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं या अन्य संयोजी ऊतक या सहायक में शुरू होता है।
– ल्यूकेमिया: कैंसर जो कि रक्त बनाने वाले अस्थि मज्जा जैसे ऊतकों में शुरू होता है और असामान्य रक्त कोशिकाओं की भारी मात्रा में उत्पादन और रक्त में प्रवेश का कारण बनता है।
– लिंफोमा और माएलोमा: ऐसा कैंसर जो कि प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं में शुरू होता है।
– केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के कैंसर: कैंसर जो कि मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ऊतकों में शुरू होता हैं।
संतुलित खान-पान का सेवन करना अनिवार्य :
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में कैंसर मरीजों की संख्या लगभग 25 लाख से ज्यादा है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट-2019 के अनुसार हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है। जिनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों की उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनिरल्स कैंसर की सम्भावना को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।
कैंसर के मुख्य लक्षण :
– शरीर के किसी अंग में असामान्य सूजन का होना
– तिल या मस्सों के आकार या रंग में परिवर्तन
– लगातार बुखार या वजन में कमी
– घाव का लंबे समय से नहीं भरना
– चार हफ्ते से अधिक समय तक अकारण दर्द का रहना
– मूत्र विसर्जन में कठिनाई या दर्द का होना
– शौच से रक्त निकलना
– स्तन में सूजन या कड़ापन का होना
– तीन सप्ताह से अधिक लगातार खांसी या आवाज का कर्कश होना
– असामान्य रक्त प्रवाह या मासिक धर्म के बाद भी रक्त का निकलना

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