Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
राज्य

गर्भवती महिलाएं धूप में घर से बाहर निकलने में करें परहेज

 

– 6 माह तक के नवजात के लिए सिर्फ स्तनपान ही काफी, नहीं दें अन्य तरल पदार्थ
– भोजन में विविधिता से बेहतर पोषण संभव 

लखीसराय, 12 अप्रैल-

गर्मी आगमन के साथ ही यानी शुरुआती दौर में ही तापमान अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। गर्म हवाओं का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। गर्म हवाएं यानी लू लगने की गंभीर अवस्था में इलाज नहीं मिलने पर मौत भी हो जाती है।  लू से बचने के लिए सही खानपान जरूरी है। ऐसे में विशेषकर नवजात शिशुओं व गर्भवती महिलाओं के पोषण का ख्याल रखा जाना जरूरी है। बेहतर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की जरूरत भी है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को भोजन में हरी साग सब्जी की मात्रा बढ़ाने के साथ भरपुर मात्रा में पानी लेना चाहिए।  इसके अलावा मौसमी फल व दही व छाछ जैसी खाद्य पदार्थ का सेवन भी काफी उपयोगी है। 

– धूप में नहीं निकलें गर्भवती महिलाएं : 
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया, लू के मद्देनजर गर्भवती महिलाएं गर्मी के मौसम में घर से निकलने में परहेज करें। अर्थात अति आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि खाली पेट घर से बाहर न जाएं। लू से बचने के लिए बहुत अधिक देर तक खाली पेट बिल्कुल नहीं रहें। लू लगने की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरुरी है। प्राथमिक उपचार के तौर पर ओआरएस का घोल दिया जाना चाहिए ताकि उल्टी व दस्त की समस्या को दूर किया जा सके। उन्होंने बताया, तेज धूप व गर्म हवा के बीच गर्भवती महिलाओं का निकलना घातक होता है। गर्भवती महिला को लू लगना उनके गर्भस्थ शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है। घर से बाहर निकलने से पहले पूरी सावधानी बरतें। छाता व तौलिये आदि का इस्तेमाल जरूर करें। बहुत ही आवश्यक होने पर ही पूरी सुरक्षा के साथ घर से बाहर निकलें। बाहर निकलने से पहले प्रचूर मात्रा में नीबू पानी या सत्तु आदि पी कर निकलना लू के असर को रोकता है। इसके साथ ही घर में इलेक्ट्रॉल व ओआरएस आदि भी रखें ताकि समय पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। इनके नहीं रहने पर नींबू पानी चीनी और थोड़ा नमक का शरबत बना कर दिया जा सकता है। 

– 6 माह तक के शिशुओं के लिए सिर्फ स्तनपान :
6 माह तक के शिशुओं के लिए सिर्फ स्तनपान ही पर्याप्त है। उन्हें कोई भी तरल पदार्थ अलग से नहीं दिया जाना चाहिए। यहां तक की पानी भी नहीं दिया जाये। शिशु को पूरी तरह अधिक से अधिक स्तनपान कराने से डायरिया एवं निमोनिया जैसे रोगों से बचाव संभव है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी भरपुर पोष्टिक आहार जैसे दाल व हरी सब्जी सहित तरल पदार्थ के सेवन को बढ़ाना चाहिए।  इससे स्तनपान के माध्यम से बच्चे को आवश्यक पोषण मिल पाता है। वहीं शिशु को गर्म हवा से बचाने के लिए उसे ठंडे व हवादार कमरे में रखें। कमरा उमस भरा नहीं होना चाहिए। शिशु को सूती कपड़ा ही पहनायें ताकि पसीना आसानी से सोख जाये। नायलॉन या टेरीकॉट कपड़े बच्चे को बिल्कूल नहीं पहनाया जाना चाहिए. 

– ऐसे पहचाने लू के लक्षण : 
 – तेज सिर दर्द का होना 
– उल्टी या जी मचलाना
– बुखार का होना 
– त्वचा का लाल, गर्म एवं सूखा होना( पसीना नहीं चलना)
– बेहोशी या चक्कर आना 
– घबराहट या संशय का बढ़ जाना
– अत्यधिक आलस्य या सुस्ती का होना 

– इन बातों का रखें पूरा ध्यान :
– खाली पेट घर से बाहर नहीं निकलें
– सुपाच्य एवं हल्के भोजन का करें सेवन
– अत्यधिक शीतल पेय पदार्थों के सेवन करने से बचें 
– रात में कम से कम 8 घन्टे की नींद जरूर लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *