टीबी को मात देकर अब लोगों को इसके प्रति कर रही जागरूक
-नारायणपुर प्रखंड के बलहा गांव की अनु देवी की कहानी
-आशा कार्यकर्ता के सहयोग से इलाज कराने पहुंची थी नारायणपुर अस्पताल
भागलपुर, 16 फरवरी
नारायणपुर प्रखंड के बलहा गांव की अनु देवी को एक साल पहले खांसी में खून आने लगा था. वह काफी डर गई थी. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर क्या करें. लोगों को बताने से भी डर रही थी, लेकिन जब यह सिलसिला एक महीने तक चला, तब उसे लगा कि इसमें किसी से जरूर सलाह लेनी चाहिए. आखिरकार वह गांव की आशा कार्यकर्ता महिला देवी के पास गई. आशा उसे जांच के लिए नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गई, जहां जांच में उसे टीबी होने की पुष्टि हुई. इसके बाद उसका डर और बढ़ गया, लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ने उसे बताया कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है. इसका इलाज संभव है. इसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ. छह महीने तक दवा का सेवन करने के बाद वह ठीक हो गई. अब वह पूरी तरह से स्वस्थ भी है.
कोई भी बीमारी हो तो डरना नहीं चाहिए-
अनु देवी का कहना है कि कोई भी बीमारी हो तो डरना नहीं चाहिए, बल्कि जांच कराकर उसका इलाज शुरू कर देना चाहिए. टीबी को लेकर तो बिल्कुल भी नहीं. मुझे ही देखिए, अगर चुपचाप रहती तो पता नहीं अभी क्या हो जाता. मेरा स्वास्थ्य कैसा रहता. अनु देवी अब न स्वस्थ हो गई है, बल्कि लोगों को भी इसके प्रति जागरूक कर रही हैं. अभी तक दो टीबी मरीजों में वह भय खत्म कर चुकी है और उसे इलाज के लिए प्रेरित भी किया.
लोगों ने पहले बना ली थी दूरी अब सभी कुछ हो गया सामान्य:
अनु देवी कहती हैं कि जब मुझे टीबी होने की पुष्टि हुई तो समाज के लोगों ने दूरी बना ली. आस-पड़ोस के लोग बातचीत करने से संकोच करते थे, लेकिन जब मैं ठीक हो गई तो अब लोग साथ आ रहे हैं. पहले वाली स्थिति हो गई है. मेरे साथ भेदभाव खत्म हो गया है और लोग पहले जैसा व्यवहार करते हैं.
जितना जल्दी शुरू करवाएंगे इलाज उतना जल्द हो जाएंगे ठीक:
नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ विजयेंद्र कुमार विद्यार्थी कहते हैं कि अगर टीबी होने के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल अस्पताल आकर जांच कराएं. अगर टीबी हो जाने की पुष्टि हो जाती है तो अपना इलाज शुरू करवा लें. जितना जल्द इलाज करवाएंगे, उतना जल्द स्वस्थ हो जाएंगे. इसलिए इलाज करवाने में देरी नहीं करें.
टीबी का इलाज बिल्कुल मुफ्त है: डॉ. विद्यार्थी कहते हैं कि टीबी के इलाज की व्यवस्था मुफ्त है. इसलिए संकोच नहीं करें. आपको आर्थिक परेशानी भी है तो सरकारी अस्पताल में संपर्क करें. यहां पर न सिर्फ आप का इलाज मुफ्त में होगा, बल्कि ₹500 रुपया भी मिलेगा. इसलिए आर्थिक चिंता किए बगैर इलाज शुरू करवाएं.