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विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस विशेष-जिले में 64.9 प्रतिशत महिलाएँ सेनेटरी पैड का कर रही हैं इस्तेमाल

चुप्पी तोड़ें, स्वच्छता है सभी का समान अधिकार

लखीसराय – 27 मई-

देश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में नित्य नए प्रयोगों के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इन सबों के बीच समुदायों में अभी भी माहवारी स्वच्छता पर चुप्पी कायम है. इस दिशा में माहवारी स्वच्छता पर खुल कर बात करने एवं लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 मई को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है. कोरोना के इस दौर में किशोरियों एवं महिलाओं को माहवारी स्वच्छता पर जागरूक करना भी जरुरी है.

प्रजनन एवं यौन संक्रमण से बचाव जरुरी:

जिला महिला विषेज्ञय डॉ. रूपा सिंह ने बताया विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का मकसद समाज को एक स्वास्थ्य संदेश देना है कि हमारी मां, बहनें व बेटियां कैसे स्वच्छ और स्वस्थ रहें. मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बहुत जरुरी होता है. इससे प्रजनन एवं यौन संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलती है. माहवारी के दौरान यदि लम्बे समय तक स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाये तो बच्चेदानी में संक्रमण पहुँच जाता है. इससे गर्भधारण बाधित या खत्म भी हो सकता है.
डॉ सिंह ने बताया किशोरावस्था में शरीर और मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है. इन बदलावों को समझने और उसे सकारात्मक रूप से लेने के लिए किशोरों को सही सलाह की बहुत जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि 11 से 12 साल की किशोरियों में मासिक चक्र की शुरुआत होने लगती ही. बहुत सारी किशोरियों को माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड की जरुरत और महत्व के बारे में सटीक जानकारी नहीं होती है. साथ ही संकोच वश वह इस पर अन्य लोगों से चर्चा भी नहीं कर पाती हैं. यही समय है जब लड़कियों को इस संबंध में उचित सलाह देकर जागरूक किया जाए. इसको लेकर आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम सामुदायिक स्तर पर किशोरियों एवं महिलाओं को निरंतर जागरूक कर रही हैं एवं माहवारी के दौरान असुरक्षित साधनों के इस्तेमाल की जगह सुरक्षित साधन जैसे सेनेटरी पैड के शत-प्रतिशत इस्तेमाल को सुनिश्चित कर रही हैं.

जिला में 64% से अधिक प्रतिशत महिलाएँ सेनेटरी पैड का करती है इस्तेमाल : जिले एनएफएचएस 4 के अनुसार 27.9 प्रतिशत महिलाएँ सेनेटरी पैड का इस्तेमाल कर रही थी वही एनएफएचएस 5 के अनुसार 64.9 प्रतिशत महिलाएँ इसका इस्तेमाल कर रही हैं । इसका मतलब है की जिले की महिलाओं में सेनेटरी पैड इस्तेमाल के प्रति रुझान बढ़ा है ।

इन बातों का रखें ख्याल :

•  मासिक धर्म स्वच्छता पर संकोच ना करें एवं इस पर खुल-कर बात करें
•  सेनेटरी पैड आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा हो तो साफ़ सूती कपडे के बने पैड का इस्तेमाल करें
•  माताएं किशोरियों को इसके बारे में जानकारी दें
•  माहवारी के दौरान स्वच्छता बनाए रखें, निश्चित अंतराल पर पैड को बदलें

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