news

लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ 16 दिवसीय अभियान का हुआ समापन

• समाज में व्याप्त लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने में सभी का योगदान आवश्यक
• घर से ही जेंडर आधारित समानता की शुरुआत

•घर-परिवार से ही जेंडर समानता को प्रोत्साहित करने का प्रयास करना होगा

•30 प्रतिशत महिला 15 वर्ष की आयु से ही होती है शारीरिक हिंसा का शिकार

पटना 10 दिसंबर। सहयोगी संस्था द्वारा ‘क्रिया’ के सहयोग से मानवाधिकार दिवस के अवसर पर लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध मनाए जाने वाले 16 दिवसीय अभियान के समापन समारोह का आयोजन पैनाल उच्च विद्यालय, बिहटा के प्रांगण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मनेर के विधायक भाई वीरेन्द्र के साथ पैनाल पंचायत की सरपंच बबिता देवी, सिमरी के मुखिया जवाहरलाल विश्वकर्मा, पंचायत समिति के सदस्य, आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्रा सहित लगभग 200 महिला-पुरुषों के प्रतिभागिता की।
16 दिवसीय अभियान महिला हिंसा के विरुद्ध एक सशक्त अभियान है तथा इसके अंतर्गत स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को जागरूक एवं संवेदनशील कर सभी के सहयोग का आह्वान करता है। जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध यह एक विश्वस्तरीय अभियान है जो 25 नवम्बर –‘महिला हिंसा को समाप्त करने के अन्तराष्ट्रीय दिवस’ से 10 दिसम्बर – ‘अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ तक मनाया जाता है। इस अभियान के आयोजन द्वारा जेंडर आधारित भेदभाव एवं हिंसा के प्रति लोगों को जागरूक कर इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने का प्रयास किया जाता है।

सामाजिक दुष्परिणामों के बारे में समुदाय को जागरूक करने का प्रयास:

इस अवसर पर सहयोगी संस्था की कार्यक्रम निदेशिका रजनी ने प्रतिभागियों को जानकारी देते हुए बताया कि सहयोगी संस्था अपने आरम्भ से ही सक्रीय रूप से महिलाओं के प्रति हो रहे हिंसा एवं इसके व्यक्तिगत एवं सामाजिक दुष्परिणामों के बारे में समुदाय एवं विभिन्न हितधारकों को जागरूक एवं संवेदनशील बनने के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि घरेलु हिंसा एवं जेंडर आधारित हिंसा व्यक्तिगत मामला नहीं है, इन घटनाओं के कारण घर-समाज के विभिन्न सदस्यों पर बहुत गहरा मानसिक-मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभाव पड़ता है। समाज के संतुलित विकास में महिला-पुरुष दोनों की समान भागीदारी बहुत आवश्यक है, घर-परिवार को टूटने-बिखरने से बचाने के लिए घरेलु हिंसा एवं जेंडर हिंसा जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने की आवश्यकता है।

30 प्रतिशत महिला 15 वर्ष की आयु से ही होती है शारीरिक हिंसा का शिकार:

निदेशिका रजनी ने कहा कि उपस्थित प्रतिभागियों को लिंग आधारित भेदभाव एवं हिंसा की व्यापकता एवं भयावहता के बारे में बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NHFS-4) के एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 15-49 वर्ष के आयु वर्ग की 30 प्रतिशत महिलाओं को 15 वर्ष की आयु से ही शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है, इसी आयु-वर्ग की 6 प्रतिशत महिलओं को उनके जीवन-काल में कम-से-कम एक बार यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है। लड़कियों-महिलाओ के शिक्षा, स्वस्थ्य-पोषण की स्थिति भी बहुत दयनीय है।

घर-परिवार से ही जेंडर समानता को प्रोत्साहित करने का प्रयास करना होगा: विधायक

मनेर के विधायक भाई वीरेन्द्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें अपने घर-परिवार से ही जेंडर समानता को प्रोत्साहित करने का प्रयास करना होगा, विशेषकर माता-पिता एवं अभिभावकों को अपने लड़के-लड़की के प्रति समान व्यवहार अपनाना होगा। उनके समान शिक्षा, पोषण को सुनिश्चित कराकर समान अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास आवश्यक है। सरपंच बबिता देवी ने भी समाज में व्याप्त घरेलु हिंसा को समाप्त करने के लिए सभी के योगदान की महता बताई। इस अवसर पर ढिबरा की महिला बेंड को भी सम्मानित किया गया। महिला बेंड की सदस्य ने कहा कि यह क्षेत्र पहले पुरुषों के एकाधिकार में था, विभिन्न विरोधों के बावजूद उन्होंने अपने निश्चय से इस कार्य को सफलतापूर्वक जारी रखा।
सहयोगी संस्था पटना के विभिन्न गांवों-बस्तियों में घरेलु हिंसा एवं जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए ठोस रणनीति के तहत अलग-अलग तरह के कार्यक्रम का आयोजन करती है, संस्था के द्वारा विभिन्न हितधारकों – महिला, पुरुष, किशोर, किशोरी, शिक्षक, सेवा-प्रदाताओं, पुलिस, मीडियाकर्मी, आदि के साथ अलग-अलग मंचों पर इस मुद्दे के प्रति जागरूकता बनाने की कार्य करती है। सामुदायिक स्तर पर बैठकों, उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन कर संस्था स्थानीय स्तर लोगों को जागरूक बनाने का कार्य करती है, नेटवर्क संस्थाओं के सहयोग से इस संस्था के द्वारा कई अभियानों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है।
सहयोगी द्वारा इस 16 दिवसीय पखवारे के दौरान विभिन्न गांवों, पंचायतों, प्रखंडों में बैठक, उन्मुखीकरण, नुक्कड़ नाटकों आदि के द्वारा सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध कराया गया। आज के 16 दिवसीय अभियान के समापन समारोह के अवसर पर सहयोगी की कार्यक्रम निदेशिका रजनी, कार्यक्रम समन्वयक उन्नति रानी, एडवोकेसी कोऑर्डिनेटर धर्मेन्द्र कुमार सिंह, सेशन कोऑर्डिनेटर राजू पाल के साथ सामाजिक संगठनकर्ता लाजवंती देवी, उषा देवी, संजू कुमारी, मुन्नी कुमारी, रिंकी देवी, बिंदु देवी, निर्मला देवी, सुरेन्द्र सिंह, नितीश कुमार उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *