विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला 10 नवम्बर को जाएंगे मालदीव
भारत कोविड-19 के दौरान मालदीव से अपने रिश्ते मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।C इसके पहले वे बांग्लादेश और म्यांमार जा चुके हैं। भारत और मालदीव के विदेश मंत्रियों ने इस साल की शुरुआत में वर्चुअल माध्यम से वार्ता की थी। भारत कोविड से निपटने के लिए मालदीव की हर सम्भव मदद कर रहा है। आधारभूत योजनाओं को आगे बढ़ाने में भी भारत ने सहायता की है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने पिछले साल इस हिंद महासागर द्वीप देश का दौरा किया था। जो दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी।
कोविड -19 महामारी के बीच, भारत ने कोरोनोवायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए दवाइयां, तेजी से प्रतिक्रिया टीम भेजने और 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर ऋण मुहैया कराने सहित कई तरीकों से मालदीव तक पहुंच बनाई है। भारत मालदीव की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना – ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) के लिए भी 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता देने की घोषणा कर चुका है, जिससे देश के भीतर संपर्क बढ़ेगा।
सूत्रों ने कहा, पिछले साल भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की विदेश यात्राओं की शुरुआत मालदीव से ही की। यात्रा के दौरान, उन्होंने मालदीव की संसद को संबोधित किया था और दोनों देशों से जुड़ी परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी थी। इसके अलावा, उन्होंने भारत और मालदीव को जोड़ने वाली फेरी सेवा की भी घोषणा की, जो पिछले महीने ही शुरू हो गई है। शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया 380 टीईयू क्षमता वाले जहाज से इसका संचालन कर रही है। इस सेवा से भारत और मालदीव के बीच कार्गो की आवाजाही के लिए सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध हुई है, जो द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने चीन की ओर झुक रहे मालदीव का रुख फिर भारत की ओर मोड़ दिया था।