Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
राज्य

जिले के सभी प्रखंडों में होगा अन्नप्राशन दिवस का आयोजन

– सेविकाओं द्वारा लाभार्थी के घर भ्रमण कर होगा अन्नप्राशन  – जिलाधिकारी ने पत्र द्वारा दिये जरूरी निर्देश  – पूरक पोषाहार पर दी जाएगी जानकारी  – धात्री माताओं को शिशु कुपोषण एवं कोविड-19 के प्रति किया जाएगा जागरूक  

लखीसराय /11 अगस्त : जिले के सभी प्रखंडों में आँगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा गृह–भ्रमण कर अन्नप्राशन दिवस का आयोजन आगामी 19 अगस्त को होगा। इस संबंध में जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने पत्र द्वारा जिले आईसीडीएस विभाग को निर्देश जारी किया है। कोविड -19 के संक्रमण एवं बचाव के मद्देनजर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर समुदाय आधारित गतिविधियों का आयोजन बाधित हुआ था, जिसको पुनः आयोजित कराया जा रहा है। पत्र के द्वारा जिलाधिकारी ने कहा है कि कोविड -19 के संक्रमण को देखते हुए सभी आंगनवाड़ी सेविकायें लाभार्थी के घर भ्रमण कर अन्नप्राशन दिवस का आयोजन करें। साथ ही धात्री माताओं को शिशु कुपोषण एवं  कोविड -19  के संक्रमण तथा बचाव के प्रति जागरूक किया जाएगा।  . जिला कार्यक्रम पाधिकारी आईसीडीएस कुमारी अनुपमा सिन्हा ने बताया जिलाधिकारी के निर्देशानुसार आगामी 19 अगस्त को लाभार्थी के घर भ्रमण कर ही अन्नप्रासन दिवस का आयोजन होगा । इस अवसर पर 6 माह से ऊपर के बच्चों को पूरक पोषाहार दिया जाएगा एवं शिशु के 6 माह पूरे होने के बाद उनके बेहतर पोषण के लिए जरुरी पूरक पोषाहार के विषय में जानकारी भी दी जाएगी । इस दौरान अन्य धात्री माताओं को भी पूरक पोषाहार के विषय में एवं साफ़- सफाई के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही धात्री माताओं को उबली हुई सब्जी, दलिया एवं अन्य पूरक आहार के बारे में भी बतया जाएगा ।  6 माह के बाद स्तनपान के साथ दें पूरक आहार:  जिला कार्यक्रम पाधिकारी आईसीडीएस ने बताया कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए 6 माह तक का सिर्फ स्तनपान एवं इसके बाद स्तनपान के साथ पूरक पोषाहार बहुत जरुरी होता है।  6 माह से 23 माह तक के बच्चों के लिए यह अति आवश्यक है।  इस दौरान शरीर एवं दिमाग का विकास तेजी से होना शुरू होता है. जिसके लिए स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की भी जरूरत होती है।  उन्होंने बताया कि इसके लिए नियमित रूप से धात्री माताओं को इसके विषय में जानकारी दी जाती है एवं पूरक पोषाहार भी वितरित किया जाता है।   ऐसे दें बच्चों को पूरक आहार:  6 माह से 8 माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल -चावल, दाल  में रोटी मसलकर अर्ध ठोस (चम्मच से गिराने पर सरके, बहे नही) , खूब मसले साग एवं फल  प्रतिदिन दो बार 2 से 3 भरे हुए चम्मच से देना चाहिए। ऐसे ही 9 माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन 3 से 4 बार एवं 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं  धुले एवं कटे फल को प्रतिदिन भोजन एवं नास्ते में देना चाहिए. साथ ही  स्तनपान जारी रखना चाहिए।  पूरक पोषाहार है जरुरी :  जिला कार्यक्रम पाधिकारी आईसीडीएस ने बताया समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बेहतर पोषण के लिए पोषाहार वितरित किया जाता है।  पूरक पोषाहार के विषय में सामुदायिक जागरूकता के आभाव में बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं।  इससे बच्चे की शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी अवरुद्ध होता है एवं अति कुपोषित होने से शिशु मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *