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Bapu's dreams of a healthy India will come true, health workers will
स्वास्थ्य

बापू के स्वस्थ भारत के सपने होंगे साकार, स्वास्थ्य कर्मी देंगे इसे आकार

• बापू जयंती पर फाइलेरिया एवं कालाजार को खत्म करने का स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया संकल्प
• ‘स्वास्थ्य ही अनमोल धन है’ इसको समुदाय को करेंगे प्रचारित
• नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज को खत्म करने के लिए करेंगे सामूहिक प्रयास

भागलपुर/ 3, अक्टूबर: ‘‘स्वास्थ्य ही धन है. सोने एवं चाँदी कभी भी वास्तविक धन नहीं हों सकते’’. बापू यानी महात्मा गाँधी के ये वचन स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने वाले एवं प्रासंगिक अभी भी दिखते हैं. यह सत्य है कि स्वास्थ्य की बेहतर बुनियाद ही किसी समाज एवं राष्ट्र की समग्र प्रगति को इंगित करते हैं. देशभर में 2 अक्टूबर को बापू जयन्ती मनाया गया. लेकिन इस बार के बापू जयंती पर सिर्फ़ बापू को याद ही नहीं किया गया, बल्कि उनके सपनों को साकार करने की दिशा में स्वास्थ्य कर्मियों ने नया संकल्प भी लिया है. यह संकल्प नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज( यानी फाइलेरिया एवं कालाजार) को सामूहिक प्रयास से खत्म करने का लिया गया है.

जन-जागरूकता सबसे कारगर हथियार:

जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कण्ट्रोल पदाधिकारी डॉ कुंदन भाई पटेल ने बताया बापू जयंती पर जिले में बापू के संघर्ष एवं उनके त्याग को सबने याद किया. यह बापू के दूरगामी सोच का ही नतीजा था कि उन्होंने स्वास्थ्य को अनमोल धन की संज्ञा दी थी. उनका यह सोच आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है. अभी भी फाइलेरिया एवं कालाजार जैसे गंभीर रोग स्वस्थ समाज निर्मित करने की दिशा में चुनौती पेश कर रहे हैं . इसलिए बापू के स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने की दिशा में फाइलेरिया एवं कालाजार जैसे रोग को ख़त्म करने के लिए विभाग ने नया संकल्प लिया है. इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए जन-जागरूकता सबसे कारगर हथियार साबित हो सकता है.

स्वास्थ्य कर्मियों ने ली प्रतिज्ञा:

जिले के लोकमानपुर गाँव की आशा ममता ने बतया बापू ने देशहित में कई कुर्बानियां दी थी. उनका इसके पीछे एक ही मकसद था कि देश स्वस्थ एवं खुशहाल हो सके. उन्होंने बताया बापू जयंती पर उन्होंने भी यह ठाना है कि लोगों को फाइलेरिया एवं कालाजार जैसे रोगों के बारे में जागरूक करेंगी. साथ ही समुदाय को बापू के स्वस्थ भारत के सपने के बारे में भी बताएंगी ताकि फाइलेरिया एवं कालाजार को सब मिलकर ख़त्म कर सकें.

जिले के नारायणपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम रेनू ने बताया कि बापू सिर्फ़ एक स्वत्रंता सेनानी ही नहीं थे, बल्कि वह देश के राष्ट्रपिता भी थे. इसलिए उनकी सोच लोगों को स्वस्थ देखने की भी थी. उन्होंने बताया बापू के जन्मदिवस पर उन्होंने यह शपथ ली है कि जब तक फाइलेरिया एवं कालाजार समुदाय से खत्म नहीं होता, वह लोगों को फाइलेरिया एवं कालाजार के विषय में जागरूक करती रहेंगी.

लोगों ने भी जतायी सहमति:

जिले के व्यवसायी ने श्रवण बाजोरिया कहा कि फाइलेरिया एवं कालाजार ऐसे रोग हैं, जिनके विषय में अधिक चर्चा नहीं होती है. लेकिन जिन लोगों को ये रोग होते हैं, वह ही इसका दर्द बेहतर तरीके से समझ पाते हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने ऐसे कई लोगों को देखा है जिनके पैर काफी मोटे हो जाते हैं. उन्हें देखकर यह महसूस होता है कि सामान्य जीवन जीना उनके लिए कितना कस्टकारी होता होगा. उन्होंने बताया कि ऐसे गंभीर रोगों से लड़ने के लिए समुदाय के सभी वर्गों को पहल करनी चाहिए. यदि सभी लोग जागरूक होंगे तो निःसंदेह इस रोग को जड़ से खत्म किया जा सकता है

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