सीतलवाड़ को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत
गुजरात दंगे मामले में गिरफ्तार की गईं तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने कहा है कि उनकी रेगुलर बेल पर हाई कोर्ट फैसला सुना सकता है. अभी के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई है. तीस्ता सीतलवाड़ को उनकी एनजीओ से जुड़े मामले को लेकर अहमदाबाद अपराध शाखा ने 25 जून को गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला दो महीने से अधिक समय से हिरासत में है. पुलिस ने उनसे 7 दिन पूछताछ भी की है. हाई कोर्ट ने 19 सितंबर को जमानत पर सुनवाई की बात कही है. इस दौरान उसे अंतरिम जमानत देना उचित है. वह पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करें और जांच में सहयोग करें. भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने यह भी कहा था कि इस मामले में ऐसा कोई अपराध नहीं है जिसके लिए जमानत नहीं दी जा सकती, वह भी एक महिला को. न्यायाधीशों ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ दो महीने से अधिक समय से जेल में हैं और अभी तक कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है.
क्या हैं पूरा मामला
बता दें कि, तीस्ता सीतलवाड़ 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित मामलों को दर्ज करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने के आरोप में 25 जून से हिरासत में हैं. तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने मुंबई में गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने जकिया जाफरी की 2002 गुजरात दंगों से जुड़ी याचिका को खारिज किया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को दंगों के मामले में एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखा था. जकिया जाफरी ने एसआईटी के क्लीन चिट के फैसले को चुनौती दी थी. तीस्ता सीतलवाड़ की एनजीओ ने कानूनी लड़ाई के दौरान जकिया जाफरी का समर्थन किया था.