फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 28 सितंबर से चलाया जायेगा अभियान
• सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की होगी शुरुआत
• जागरूकता को लेकर मीडिया कार्यशाला हुई आयोजित
• एक भी व्यक्ति ना छूटे, हरेक घर तक पहुंचकर दी जाएगी दवा
• आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को खिलाएंगी दवा की खुराक
• जिले के 12 लाख 17 हजार 298 लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य
. केयर इंडिया का रहेगा तकनीकी सहयोग
लखीसराय, 25 सितम्बर।
जिला स्वास्थ्य समिति, विश्व स्वास्थ्य संगठन, केयर इंडिया, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल एवं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में शुक्रवार को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर एक मीडिया जागरूकता कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जिले के सिविल सर्जन डॉ. आत्मानंद राय ने बताया कि 28 सितम्बर से जिले में राज्य व केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए एमडीए अभियान शुरू किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान जिले के हरेक घर तक पहुंचकर आशा कार्यकर्ता लोगों को डाई इथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) एवं अल्बेंडाजोल दवा की खुराक अपने सामने खिलाएंगी। उन्होंने बताया कि जिले के 12,17,298 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यकम 28 सितम्बर से शुरू होकर अगले 14 दिनों तक चलेगा।
स्वास्थ्य टीम का हुआ गठन, निर्धारित है दवा की मात्रा:
कार्यशाला में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि अभियान का सफल क्रियान्वयन होगा। अभियान की सफलता के लिए 61 पर्यवेक्षकों, 1218 दवा वितरकों और 609 दलों के साथ स्वास्थ्य टीम का गठन कर दिया गया है। अभियान के दौरान दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डाई इथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) एवं अल्बेंडाजोल दवा की खुराक दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। एलबेंडाजोल की दवा को चबाकर खाना है।
फाइलेरिया एक घातक रोग है:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉक्टर शान्तनु सेन ने बताया कि इस बीमारी से जुड़ी विकलांगता जैसे ब्रंक्रोफटियन फाइलेरिया में विभिन्न अंगों में सूजन के साथ हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) तथा ब्रजीयन फाइलेरिया में हाथीपांव और घुटने के नीचे पैर प्रभावित होते हैं। यह एक घातक रोग है। इसके कारण पीड़ित को काफी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। इसकी दवा लाभप्रद है। किसे दवा नहीं लेनी चाहिए इसपर उन्होंने कहा कि फाइलेरिया की दवा खाली पेट दवा नहीं खानी चाहिए। साथ ही गर्भवती और दो वर्ष से कम वर्ष के बच्चों को दवा का सेवन नहीं करना है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के कारण होता है। इसलिए दवा का साइड इफ़ेक्ट मरीज के हित में ही है। हालांकि ज्यादा परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।
केयर इंडिया का रहेगा तकनीकी सहयोग, कोई छूट न जाए इसका रहेगा ख्याल:
कार्यशाला में केयर इंडिया के जिला टीम लीड, मिस्टर नावेद ने बताया कि केयर इंडिया के 14 एक्सटर्नल मॉनिटर कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियों से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे। हरेक ब्लॉक में दो लोगों की टीम काम करेगी। ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधानों और विभिन्न समूहों के सहयोग से सोशल मोबिलाइजेशन से सम्बंधित गतिविधियां को अंजाम दिया जाएगा। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी और लाभ के साथ समुदाय में जागरूकता फ़ैलाने के लिए घर-घर जाकर नुक्कड़ नाटक, बैनर पोस्टर जैसे माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जााएगा। कार्यक्रम के दौरान 13 दिन बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई व्यक्ति दवा के सेवन से छूट न गया हो, अगर कोई ऐसा मिलेगा तो उसे दवा की खुराक दिलाई जाएगी।
कर्मियों को मिलेगा पारितोषिक, केंद्रों में पहुंच चुकी है दवा:
सर्वजन दवा सेवन अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को विभाग द्वारा पारितोषिक भी दिया जाएगा। दवा वितरकों का पारितोषिक 200 घरों में खिलाने पर एकमुश्त 2400 रुपए है वहीं पर्यवेक्षकों को 175 रुपए प्रति दिन की दर में देय है। बता दें, कि जिले में राज्य द्वारा 28,006,020 डीईसी एवं 12,00,320 अल्बेंडाजोल दवा की आपूर्ति की गई है, जिसे सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में वितरित कर दिया गया है।
कार्यशाला में इनकी रही मौजूदगी:
मीडिया कार्यशाला में एसीएमओ डॉक्टर देवेन्द्र चौधरी, डीपीएम मो. खालिद हुसैन, पीसीआई से प्रिंस कुमार, सीफार से राज्य प्रलेखन और प्रशिक्षण अधिकारी सरिता मलिक, मंडल समन्वयक कार्यक्रम अधिकारी श्याम त्रिपुरारी के अलावा विभिन्न मीडिया कर्मी एवं स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 28 सितंबर से चलाया जायेगा अभियान
• सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की होगी शुरुआत
• जागरूकता को लेकर मीडिया कार्यशाला हुई आयोजित
• एक भी व्यक्ति ना छूटे, हरेक घर तक पहुंचकर दी जाएगी दवा
• आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को खिलाएंगी दवा की खुराक
• जिले के 12 लाख 17 हजार 298 लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य
. केयर इंडिया का रहेगा तकनीकी सहयोग
लखीसराय, 25 सितम्बर।
जिला स्वास्थ्य समिति, विश्व स्वास्थ्य संगठन, केयर इंडिया, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल एवं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में शुक्रवार को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लेकर एक मीडिया जागरूकता कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जिले के सिविल सर्जन डॉ. आत्मानंद राय ने बताया कि 28 सितम्बर से जिले में राज्य व केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए एमडीए अभियान शुरू किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान जिले के हरेक घर तक पहुंचकर आशा कार्यकर्ता लोगों को डाई इथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) एवं अल्बेंडाजोल दवा की खुराक अपने सामने खिलाएंगी। उन्होंने बताया कि जिले के 12,17,298 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यकम 28 सितम्बर से शुरू होकर अगले 14 दिनों तक चलेगा।
स्वास्थ्य टीम का हुआ गठन, निर्धारित है दवा की मात्रा:
कार्यशाला में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि अभियान का सफल क्रियान्वयन होगा। अभियान की सफलता के लिए 61 पर्यवेक्षकों, 1218 दवा वितरकों और 609 दलों के साथ स्वास्थ्य टीम का गठन कर दिया गया है। अभियान के दौरान दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डाई इथाइल कार्बामाजिन (डीईसी) एवं अल्बेंडाजोल दवा की खुराक दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। एलबेंडाजोल की दवा को चबाकर खाना है।
फाइलेरिया एक घातक रोग है:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉक्टर शान्तनु सेन ने बताया कि इस बीमारी से जुड़ी विकलांगता जैसे ब्रंक्रोफटियन फाइलेरिया में विभिन्न अंगों में सूजन के साथ हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) तथा ब्रजीयन फाइलेरिया में हाथीपांव और घुटने के नीचे पैर प्रभावित होते हैं। यह एक घातक रोग है। इसके कारण पीड़ित को काफी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। इसकी दवा लाभप्रद है। किसे दवा नहीं लेनी चाहिए इसपर उन्होंने कहा कि फाइलेरिया की दवा खाली पेट दवा नहीं खानी चाहिए। साथ ही गर्भवती और दो वर्ष से कम वर्ष के बच्चों को दवा का सेवन नहीं करना है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन से जी मतलाना, हल्का सिर दर्द एवं हल्का बुखार हो सकता है जो शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी के मरने के कारण होता है। इसलिए दवा का साइड इफ़ेक्ट मरीज के हित में ही है। हालांकि ज्यादा परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।
केयर इंडिया का रहेगा तकनीकी सहयोग, कोई छूट न जाए इसका रहेगा ख्याल:
कार्यशाला में केयर इंडिया के जिला टीम लीड, मिस्टर नावेद ने बताया कि केयर इंडिया के 14 एक्सटर्नल मॉनिटर कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियों से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे। हरेक ब्लॉक में दो लोगों की टीम काम करेगी। ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधानों और विभिन्न समूहों के सहयोग से सोशल मोबिलाइजेशन से सम्बंधित गतिविधियां को अंजाम दिया जाएगा। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी और लाभ के साथ समुदाय में जागरूकता फ़ैलाने के लिए घर-घर जाकर नुक्कड़ नाटक, बैनर पोस्टर जैसे माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जााएगा। कार्यक्रम के दौरान 13 दिन बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई व्यक्ति दवा के सेवन से छूट न गया हो, अगर कोई ऐसा मिलेगा तो उसे दवा की खुराक दिलाई जाएगी।
कर्मियों को मिलेगा पारितोषिक, केंद्रों में पहुंच चुकी है दवा:
सर्वजन दवा सेवन अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को विभाग द्वारा पारितोषिक भी दिया जाएगा। दवा वितरकों का पारितोषिक 200 घरों में खिलाने पर एकमुश्त 2400 रुपए है वहीं पर्यवेक्षकों को 175 रुपए प्रति दिन की दर में देय है। बता दें, कि जिले में राज्य द्वारा 28,006,020 डीईसी एवं 12,00,320 अल्बेंडाजोल दवा की आपूर्ति की गई है, जिसे सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में वितरित कर दिया गया है।
कार्यशाला में इनकी रही मौजूदगी:
मीडिया कार्यशाला में एसीएमओ डॉक्टर देवेन्द्र चौधरी, डीपीएम मो. खालिद हुसैन, पीसीआई से प्रिंस कुमार, सीफार से राज्य प्रलेखन और प्रशिक्षण अधिकारी सरिता मलिक, मंडल समन्वयक कार्यक्रम अधिकारी श्याम त्रिपुरारी के अलावा विभिन्न मीडिया कर्मी एवं स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।