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शिक्षक नियुक्ति नियमावली में सुधार के लिए महागठबंधन के दलों से विमर्श करेंगे नीतीश कुमार

CM नीतीश बोले- सेवारत शिक्षकों को परीक्षा में शामिल करना ठीक नहीं’ सत्र के बाद नियमावली में सुधार पर बात

बिहार में स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बनी नई शिक्षा नियमावली में सुधार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के सहयोगी दलों से विमर्श करेंगे। महागठबंधन विधानमंडल दल की सोमवार को हुई बैठक में उन्होंने यह घोषणा की।
जानकारी के मुताबिक, महागठबंधन विधानमंडल दल बैठक में माकपा विधायक दल के नेता अजय कुमार ने यह मुद्दा उठाया था, जिसे कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और भाकपा विधायक दल के नेता सूर्यकांत पासवान का साथ मिला |

सेवारत शिक्षकों को परीक्षा में शामिल करना ठीक नहीं’

अजय कुमार ने नियमावली में सहयोगी दलों से विमर्श के बाद सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि वामदलों को बिहार लोकसेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इससे उन शिक्षकों को अलग रखा जाना चाहिए जो वर्षों से सेवारत हैं। 15-20 साल तक पढ़ा चुके शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होने के लिए बाध्य करना उचित नहीं है।
माकपा के नेता अजय कुमार ने कहा कि सरकार बड़े नीतिगत निर्णय में सहयोगी दलों को विश्वास में ले। उनके साथ बैठक करे। व्यवहारिक परेशानी यह होती है कि सहयोगी दल सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत नहीं रहते हैं और आम लोग जब उनसे उसके बारे में कुछ पूछते हैं तो जवाब देने में दुविधा होती है।

14 जुलाई के बाद होगी इस मुद्दे पर बैठक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा के मॉनसून सत्र के समापन के बाद इस विषय पर वे सहयोगी दलों से बातचीत करेंगे। सत्र 14 जुलाई तक चलेगा। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है। इससे राज्य को बड़ा लाभ मिलेगा। बता दें कि शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली में संशोधन की मांग पर भाजपा 13 जुलाई को विधानमंडल के सामने प्रदर्शन करेगी।

अफसरशाही पर नियंत्रण की मांग

कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि शिक्षकों का बड़ा संवर्ग है। माले विधायक दल के नेता ने महबूब आलम ने अफसरशाही पर प्रभावी नियंत्रण की मांग की। माकपा के विधायक सत्येंद्र कुमार ने कहा कि पंचायती राज विभाग के तबादले में एकरूपता नहीं है। आठ-नौ पंचायतों वाले प्रखंड में पंचायत राज पदाधिकारी तैनात किए गए हैं, जबकि 20-25 पंचायतों वाले प्रखंड में यह पद रिक्त है।

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