Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
newsदेश

Cyclone In India: 25 सालों में 6 बड़े तूफान, चक्रवात बिपरजॉय से गुजरातियों को याद आया 1998 का वो मंजर

Cyclone Alert भारत के तटों पर पहुंचे तूफानों के बारे में बात करें तो इतिहास में सबसे भयानक तूफान 1998 में आया था जिसने भारी तबाही मचाई। इसी को देखते हुए आज हम आपको अरब सागर से उठने वाले कुछ प्रमुख चक्रवातों से रूबरू कराएंगे। बंगाल की खाड़ी में उठने वाले समुद्री तूफान आमतौर पर भारत के पूर्वी तटों पर पहुंचते हैं और बांग्लादेश या म्यांमार की ओर अपनी दिशा बदलते हैं। इस समय चक्रवात बिपरजॉय, अरेबियन सी के ऊपर बना हुआ है। इसके 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ पाकिस्तान तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है।

अरब सागर के ऊपर हाल ही में चार सुपर चक्रवाती तूफान बने

  • क्यार तूफान 
  • वायु तूफान 
  • हिक्का तूफान 
  • महा तूफान

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन से पता चला है कि अरब सागर के ऊपर चक्रवातों की तीव्रता में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों ने समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि देखी है, जिससे अरब सागर में कम दबाव वाले क्षेत्रों का विकास हुआ है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र की सतह का तापमान बढ़ता है और इससे अरब सागर में अधिक से अधिक चक्रवात आते हैं।

पिछले 25 सालों में अरब सागर में उत्पन्न हुए छह प्रमुख चक्रवात:

1998, गुजरात चक्रवात

चक्रवात बिपरजॉय के 15 जून तक गुजरात के कच्छ के समुद्री तट से टकराने का अनुमान है। ऐसे में कच्छ के लोगों को 1998 का चक्रवाती तूफान याद आ रहा हैं। 4 जून, 1998 को आए समुद्री तूफान ने भयंकर तबाही मचाई थी। तूफान का लैंडफाल कांडला बंदरगाह पर हुआ था।

गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस तूफान में 1000 से अधिक लोगों की मौत की सूचना दी थी। वहीं, अनऑफिशियल अनुमान लगाया जाता है कि इस भीषण तूफान में 10 हजार से भी अधिक लोग मारे गए थे। इस तूफान से एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। तूफान की तबाही का मंजर इतना भंयकर था कि आज भी लोग उस तूफान को याद कर कांप उठते हैं।

1 जून,2007 गोनी तूफान

1 जून, 2007 को गोनी नाम का सुपर साइक्लोन अरब सागर में विकसित हुआ और इसने ओमान को गंभीर रूप से प्रभावित किया। इस तूफान से निचले इलाकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। तेल व्यापार, बुनियादी ढांचा, बिजली और टेलीफोन नेटवर्क गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस तूफान से लगभग 50 लोगों की जान चली गई थी। साथ ही 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था।

अक्टूबर 2014, चक्रवात नीलोफर

चक्रवात नीलोफर अक्टूबर 2014 में आया था और यह अरब सागर के लिए तीसरा सबसे शक्तिशाली चक्रवात था। भारत, पाकिस्तान और ओमान में क्षेत्रों को प्रभावित करने की चेतावनी भी जारी की गई थी। निचले इलाकों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था। विकराल रूप धारण करने से पहले ही तूफान शांत हो गया, जिससे बड़े पैमाने पर होने वाले विनाश से राहत मिली थी।

2019, चक्रवात क्यार

चक्रवात क्यार 2019 में भारतीय भूमि के पास बनने वाले सबसे शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक था। इसे भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ‘सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म’ का नाम दिया था। इस तूफान में कई पेड़ों और घरों को उखाड़ फेंका था। गुजरात में एक लाख से अधिक किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। पश्चिमी तट के साथ तीव्र बाढ़ आई थी और तेज हवाओं ने बिजली लाइनों और पेड़ों को गिरा दिया था।

जून 2020, चक्रवात निसर्ग

जून 2020 में, चक्रवात निसर्ग ने महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के क्षेत्रों को प्रभावित किया था। कोविड महामारी के चरम के दौरान आए इस तूफान से लगभग 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस तूफान में बागों, घरों और सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा था।

मई 2021, चक्रवात तौकते

चक्रवात तौकते मई 2021 में गुजरात के दक्षिणी तट से टकराया था। इसे 1998 के बाद से सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक माना जाता है। भारी बारिश के बीच लगभग 200,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया था। 170 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं, हजारों मवेशियों और वन्यजीवों की भी इस तूफान में जान गंवानी पड़ी। सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थी और 40,000 से अधिक पेड़ उखड़ गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *