सुप्रीम कोर्ट में 100% EVM वोटों और VVPAT की पर्चियों का मिलान करने की मांग
मार्च में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 100% EVM वोटों और VVPAT की पर्चियों का मिलान करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस पर सुनवाई कर रही है.
इससे पहले एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने भी ऐसी ही मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनकी याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने चुनाव आयोग को नोटिस भी जारी किया था. लेकिन अब 16 अप्रैल को इन दोनों ही याचिकाओं पर जस्टिस खन्ना और जस्टिस दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.
हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब EVM में दर्ज वोटों और VVPAT की पर्चियों के मिलान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई हो.
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में विपक्षी पार्टियों ने मांग की थी कि हर लोकसभा क्षेत्र के 50% EVM वोटों को VVPAT की पर्चियों से मिलान की जाए.
इस पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया था कि अगर हर लोकसभा के 50% EVM वोटों 50% EVM वोटों को VVPAT से मिलान किया जाएगा, तो इससे नतीजे आने में कम से कम पांच दिन का समय लग जाएगा.
इसके बाद 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि हर लोकसभा की 5 EVM और VVPAT में डाले गए वोटों को मिलान करने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पहले तक चुनाव आयोग एक EVM में दर्ज वोटों को VVPAT की पर्चियों से मिलान करता था.
बाद में 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार भी दाखिल की थी, जो खारिज हो गई थी.
अब देखन ये है की सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होता है