कोरोना काल में डेंगू के मरीजों का अलग से होगा इलाज
• मायागंज अस्पताल में 20 वर्ड का बनेगा डेंगू वार्ड• वार्ड के लिए नर्स और मैनेजर की बहाली भी की जाएगी
भागलपुर, 26 अगस्त
कोरोना काल में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग है. इसे लेकर मायागंज अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 20 बेड का अलग से वार्ड बनाया जाएगा. अलग से वार्ड बन जाने के बाद डेंगू मरीजों के लिए सहूलियत बढ़ जाएगी.अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक कुमार भगत ने बताया डेंगू के मामले अब कभी भी आ सकते हैं. इसे लेकर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. यही वजह है कि अस्पताल प्रशासन ने मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाने का फैसला किया है. डॉ भगत ने बताया इसके लिए नर्स और हेल्थ मैनेजर की बहाली की जाएगी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों व अन्य कर्मियों की तैनाती कर वार्ड में जल्द इलाज शुरू किया जाएगा.अभी के मौसम में डेंगू का खतरा ज्यादा: डॉ भगत ने कहा कि वैसे तो 25 जून से ही डेंगू को लेकर सतर्कता बरती जाती है, लेकिन जब बारिश का मौसम समाप्त होता है और सर्दी शुरू होने वाली रहती है उस दौरान डेंगू के ज्यादा मामले सामने आते हैं. अगस्त के आखिरी सप्ताह से लेकर अक्टूबर तक लोगों में डेंगू होने की आशंका अधिक रहती है. मच्छरदानी का करें इस्तेमाल: डॉ. भगत ने कहा कि घरेलू स्तर पर सावधानी बरतने से भी डेंगू को पांव पसारने से रोका जा सकता है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर के आसपास पानी को जमने नहीं दें. रात में सोते समय मच्छदानी का प्रयोग करें. डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इसलिए दिन में विशेष तौर पर सतर्क रहें. घर में कूलर के पानी को बार-बार बदलते रहें. साथ ही घर के आसपास कोई ऐसा सामान हो, जिसमें पानी जमा हो जाता है तो उसे तत्काल हटा दें. कैसे और कब होता है डेंगू: डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं. ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं. डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जून-जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है. इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं. एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते हैं. ऐसे फैलता है: डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है. जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है. खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है. जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है. ऐसे बरतें सावधानी: • अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज व देखभाल घर पर की जा सकती है• डॉक्टर की सलाह लेकर दवाई ले सकते हैं• बिना चिकित्सक की सलाह से दवा लेने पर शरीर से प्लेटलेट्स अचानक कम हो सकते हैं• अगर बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें• सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें, बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा खाने की जरूरत होती है• मरीज को आराम करने दें