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देवरिया नरसंहार… आरोपितों के आशियाने पर चलेगा बाबा का बुलडोजर, मिट्टी में मिलेगा दबंग प्रेमचंद का घर

देवरिया नरसंहार के आरोपितों का आशियाना टूटना तय है। तहसीलदार कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है। दबंग प्रेमचंद के अवैध निर्माण पर प्रशासन लाल निशान लगा चुका है। अब नरसंहार के तीन आरोपितों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा। प्रेमचंद यादव व उसके स्वजन ने अवैध खलिहान नवीन परती वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर अवैध निर्माण कराया है।  फतेहपुर गांव में हुए सामूहिक नरसंहार के तीन आरोपितों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा। दबंग प्रेमचंद यादव के पिता हत्यारोपित रामभवन यादव व चाचा परमहंस यादव ने खलिहान, परती भूमि पर पक्का मकान का निर्माण कराया है। जबकि दूसरे चाचा हत्यारोपित गोरख यादव ने खहिहान की भूमि पर पक्की दीवार पर कटरैन डालकर अवैध कब्जा किया है।

खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर कराया है अवैध निर्माण

तहसीलदार रुद्रपुर अरुण यादव ने पांच गाटा पर हुए अवैध निर्माण को बेदखल करने व तीनों आरोपितों से 2.82 लाख क्षतिपूर्ति वसूलने का आदेश जारी किया है। तहसील प्रशासन ने दो दिन पूर्व अवैध निर्माण चिह्नित करते हुए प्रेमचंद के मकान पर लाल निशान लगाया गया था। रुद्रपुर के फतेहपुर के अभयपुर टोले के रहने वाले प्रेमचंद यादव व उसके स्वजन ने खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर अवैध निर्माण कराया है। इसी गांव के लेहड़ा टोले के रहने वाले सत्यप्रकाश दुबे ने अवैध कब्जा की शिकायत शासन-प्रशासन से की थी।

अवैध कब्जा हटाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे सत्यप्रकाश

सत्यप्रकाश सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। राजनीतिक रसूख रखने वाले प्रेमचंद के दवाब में तहसील प्रशासन कई वर्षों से कार्रवाई करने से परहेज कर रहा था। तहसील प्रशासन की नींद तब टूटी, जब दो अक्टूबर की सुबह फतेहपुर के लेहड़ा टोले में प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई। जिसके प्रतिशोध में प्रेमचंद के स्वजन व उसके समर्थकों ने सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी, दो बेटी व एक बेटे की लाठी-डंडे, धारदार हथियार व गोली मारकर हत्या कर दी। तीन व नौ अक्टूबर को हुए पैमाइश में खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर अवैध निर्माण व कब्जा पाया गया।

रुद्रपुर तहसीलदार कोर्ट में उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा-67 के तहत बेदखल करने के पांच वाद दाखिल किए गए, जिसमें प्रेमचंद के पिता रामभवन के विरुद्ध तीन, चाचा परमहंस यादव व गोरख यादव के विरुद्ध एक-एक वाद शामिल है। नामिका अधिवक्ता अरुण कुमार राव ने सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने के लिए पैरवी की तो हत्यारोपित रामभवन की बहू किरन देवी ने अधिवक्ता गोपी यादव के माध्यम से अपना पक्ष रखा। तहसीलदार अरुण यादव ने सुनवाई पूरी करते हुए मंगलवार को आदेश सुरक्षित कर लिया था। उन्होंने बुधवार को बेदखली का आदेश जारी किया।

इनका है सरकारी भूमि पर कब्जा

प्रेमचंद के पिता हत्यारोपित रामभवन ने खलिहान की भूमि गाटा संख्या 2725 के पांच व परती की भूमि गाटा संख्या 2726 के डेढ़ डिसमिल पर कब्जा कर आलीशान भवन व चहारदीवारी का निर्माण कराया है। रामभवन ने वन के नाम दर्ज गाटा संख्या 2742 के डेढ़ डिसमिल भूमि में पक्की दीवार व छप्पर डालकर कब्जा किया है। रामभवन पर खलिहान की भूमि कब्जा करने पर 1.52 लाख, परती की भूमि कब्जा करने पर 45600 रुपये व वन की भूमि कब्जा करने पर 31920 रुपये क्षतिपूर्ति लगा है। हत्यारोपित परमहंस यादव ने खलिहान गाटा संख्या 2693 के दो डिसमिल भूमि पर कब्जा कर पक्का मकान बनवाया है। उस पर 30400 रुपये क्षतिपूर्ति लगा है। जबकि गोरख यादव ने खलिहान गाटा संख्या 2734 के डेढ़ डिसमिल भूमि पर कब्जा कर पक्की दीवार व कटरैन डाला है। उस पर 22800 रुपये क्षतिपूर्ति लगा है।

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