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इलाज नहीं करवा कर अपने साथ दूसरों को परेशान नहीं करें

-समाज में जागरूकता फैलाने की है जरूरत
-3 दिन से अधिक समय तक बुखार रहने पर कोरोना जांच जरूर कराएं

  • इलाज नहीं कराने से कोरोना का संक्रमण लोगों में बढ़ता चला जाएगा

भागलपुर, 7 नवंबर।
कोरोना की जांच नहीं करवाओगे तो अपने साथ मुझे भी ले डूबोगे क्या? 5 दिन से तुमको बुखार है फिर भी लापरवाही बरत रहे हो। अपना इलाज कराओ और खुद के साथ लोगों को भी चिंतित होने से बचाओ।

तिलकामांझी चौक पर स्थित कोरोना के स्थाई जांच शिविर के पास छात्र अमित, राहुल से यह कह रहा था। अमित से जब इसे लेकर बात की तो उसका कहना था कि राहुल पिछले 5 दिनों से बीमार है। हमलोग एक ही कमरे में रहते हैं। 2 दिनों से इसे जांच के लिए कह रहे थे, लेकिन बात नहीं मान रहा था। आखिरकार शुक्रवार को मैं खुद ही इसे जांच कराने के लिए ले आया। अब यहां पर भी वह जांच कराने से भाग रहा है। इसके इस व्यवहार से मुझे भी डर लगने लगा है। अगर उसे कोरोना होगा तो हमें भी हो जाएगा। हम लोग साथ रहते हैं और एक साथ रहने पर बहुत सारे नियमों का पालन नहीं कर पाते हैं। वहीं राहुल का कहना है कि मुझे कोरोना नहीं है। बस मौसम में बदलाव होने से मैं थोड़ा बीमार पड़ गया हूं। एक-दो दिनों में सभी कुछ ठीक हो जाएगा। हालांकि थोड़ी देर में राहुल की कोरोना जांच हुई और वह निगेटिव पाया गया। इसके बाद अमित के जान में जान आई और उसने राहत की सांस ली।

इस तरह की लापरवाही नहीं करें:
मायागंज अस्पताल के डॉ. राजकमल चौधरी कहते हैं कि इस तरह की समस्या काफी आम है। लोग जब बीमार पड़ते हैं तो वह अपने से ही इलाज करने लगते हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बार-बार यह अपील की जा रही है कि अगर 3 दिन से अधिक बुखार हो जाए तो कोरोना जांच जरूर कराएं। जांच नहीं कराने से इसका संक्रमण अधिक से अधिक लोगों में फैल सकता है और कोरोना को खत्म करने की जो मुहिम है उसे झटका लग सकता है।

सामाजिक भेदभाव की वजह से भी लोग करते हैं परहेज:
डॉक्टर चौधरी बताते हैं कि दरअसल कोरोना हो जाने के बाद समाज में थोड़ा भेदभाव हो जाता है। इस वजह से लोग जांच कराने से कतराते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। जांच कराने पर अगर कोरोना की पुष्टि हो जाती है तो वह व्यक्ति खुद को अलग रखकर दूसरों को संक्रमित होने से बचा सकता है। इसके अलावा उसका भी इलाज सही तरीके से हो जाएगा।

समाज में जागरूकता फैलाने की है जरूरत:
डॉक्टर चौधरी बताते हैं कि कोरोना के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। कोरोना मरीजों के प्रति जो लोगों के मन में भ्रम की स्थिति है, उसे दूर करने की जरूरत है। ऐसा करने से कोरोना मरीजों से लोग भेदभाव नहीं करेंगे। इसके बाद लोग खुद ही कोरोना की जांच कराने आ जाएंगे और इस तरह की समस्या नहीं आएगी।

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें .
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेकें .
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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