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DRI: एयरपोर्ट पर इस अधिकारी के ड्यूटी टाइमिंग का लगता था नोटिस बोर्ड, इनके नाम से कांप उठते थे तस्कर

Directorate of Revenue Intelligence इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( NCB) समेत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के नाम आप सभी को बखूबी पता होंगे। लेकिन देश की एक और टॉप एजेंसी है जो दिन-रात देश में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर गड़ाए रहती है

 Directorate of Revenue Intelligence: किसी भी देश में शांति, स्थिरता और बाहरी खतरों से निपटने के लिए कई जांच एजेंसियां काम करती हैं। हमारे देश में भी ऐसी कई जांच एजेंसियां हैं, जो बहुत ही गुप्त तरीके से आम जनता को बिना कुछ पता चले भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधियों से निपटती हैं।

सीमा पर खड़े जवानों से लेकर सामान्य पुलिस के साथ-साथ ये एजेंसियां भी देश को बहुत बड़े-बड़े खतरों से बचाती हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( NCB) समेत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के नाम आप सभी को बखूबी पता होंगे। लेकिन देश की एक और टॉप एजेंसी है, जो दिन-रात देश में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर गड़ाए रहती है। इस एजेंसी का नाम है- राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI)।

भारत की खुफिया एजेंसी- DRI

राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence) एक भारतीय खुफिया एजेंसी है। ड्रग्स, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा और नकली भारतीय मुद्रा सहित कई वस्तुओं की तस्करी पर रोक लगाने का जिम्मा इस एजेंसी पर होता है।यह भारत की एक प्रमुख तस्करी विरोधी खुफिया, जांच और ऑपरेशन एजेंसी है। 4 दिसंबर, 1957 को DRI का गठन केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तहत शीर्ष तस्करी विरोधी खुफिया और जांच एजेंसी के रूप में किया गया। DRI देश को आर्थिक और राष्ट्रीय रूप से सुरक्षित करने का काम करता है। इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के विशेष सचिव के महानिदेशक करते है।

अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी पर भी रखता है पैनी नजर

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग में केंद्रीय अप्रत्यक्ष करों और सीमा शुल्क बोर्ड के अधीन तस्करी के खतरे से निपटने के लिये डीआरआई के टॉप इंटेलिजेंस बॉडी है। इसका मुख्य काम नशीले पदार्थों की तस्करी, वन्यजीव और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील वस्तुओं के अवैध व्यापार और तस्करी का पता लगाकर उसपर अंकुश लगाना है। इसकी न केवल देश के गैरकानूनी गतिविधि बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सीमा शुल्क की चोरी पर भी पैनी नजर रहती है। यहीं कारण है कि इस एजेंसी को प्रमुख एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।

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