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गृह मंत्री की बात सुनकर उत्साहित नजर आई कांग्रेस

 दिल्ली विधेयक पर चर्चा के दौरान बोले अधीर रंजन ;अमित शाह जी को आज शक्कर-शहद खिलाने का कर रहा मन.

संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) मणिपुर मुद्दे को लेकर अभी तक हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। इसी बीच गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को लेकर बहस हुई।

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आम आदमी पार्टी को जमकर फटकार लगाई तो ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ कांग्रेस की तारीफ भी की और तो और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की शान में कसीदे भी पढ़े।

गृह मंत्री की बात सुनकर कांग्रेस हुई खुश

अमित शाह का भाषण सुनकर अधीर रंजन चौधरी सहित तमाम कांग्रेस सांसद जमकर उत्साहित नजर आए। इसी बीच अधीर रंजन चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि अमित शाह ने जवाहरलाल नेहरू की तारीफ की। यह सुनकर ऐसा लगा कि दौड़कर जाऊं और अमित शाह को शक्कर और शहद खिला दूं।

क्या कुछ बोले अमित शाह?

अधीर रंजन चौधरी की बात सुनकर अमित शाह खड़े हो गए और उन्होंने साफ किया कि मैंने पंडित नेहरू की तारीफ नहीं की बल्कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है उसको कोट किया है। अगर उसको तारीफ मानना चाहते हैं तो मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

तू इधर उधर की बात न कर ये बता काफिला क्यों लुटा? आपको जब जरूरत पड़ती है तो आप नेहरू जी का सहारा लेते हैं। अगर आप नेहरू जी का सहारा बराबर लेते तो आज हिंदुस्तान में मणिपुर और हरियाणा जैसी घटना नहीं देखनी पड़ती – कांग्रेस नेता अधीर रंजन

गृह मंत्री ने चर्चा का दिया जवाब

दरअसल, गृह मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर अपना जवाब रखा। अमित शाह ने कहा कि यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है, जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है।

साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं…समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है – गृह मंत्री अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मेरा सभी पक्ष से निवेदन है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए। नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं। विधेयक और कानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए।

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