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आखिर क्यों वैगनर ग्रुप से बातचीत करने के लिए मजबूर हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन

आखिर क्यों वैगनर ग्रुप से बातचीत करने के लिए मजबूर हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन

वैगनर ग्रुप के लड़ाके रूसी शहर रोस्तोव स्थित सैन्य मुख्यालय को छोड़कर वापस यूक्रेन लौट गए। इस घटना के 24 घंटे बीत गए लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कहीं भी सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए। वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन भी कहां हैं किसी को नहीं पता है। कहा जा रहा है कि वैगनर ग्रुप के विद्रोह से पुतिन की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए सबसे बड़ा खतरा बने वैगनर ग्रुप के विद्रोह के अंत के बाद रूस में खामोशी छा गई है। जिस शख्स ने विद्रोह का नेतृत्व किया, वह अब शांत हो गया है। वहीं, पुतिन को भी विद्रोह को ‘देशद्रोह’ बताने और विद्रोहियों को ‘कठोर’ सजा देने की धमकी देने के बाद सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया।
वैगनर ग्रुप ने विद्रोह को खत्म क्यों किया?
दुनिया ने वैगनर ग्रुप के लड़ाकों को अपने प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के आदेश पर बहुत तेज गति से मास्को की तरफ बढ़ते देखा, लेकिन अचानक उन्होंने हमला करना बंद कर दिया और वापस यूक्रेन लौट गए। आखिर यह सब कैसे हुआ

वैगनर ग्रुप के कदम से यूरोप और अमेरिका हैरान
वैगनर ग्रुप के लड़ाकों के पीछे हटने के कदम से अमेरिका और यूरोप भी हैरान हो गए हैं। विद्रोह कोपुतिन की अजेय छवि को नष्ट करने के तौर पर देखा जा रहा था। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सीबीएस के फेस द नेशन पर रविवार को एक साक्षात्कार में कहा,मामले से परिचित एक व्यक्ति के अनुसार, अमेरिका को कई दिन पहले खुफिया जानकारी मिली थी कि प्रिगोझिन रूसी रक्षा अधिकारियों के खिलाफ सशस्त्र कार्रवाई करने की साजिश रच रहा था।

चीन ने रूस के साथ की चर्चा
चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री किन गैंग ने रविवार को बीजिंग में रूसी उप विदेश मंत्री एंड्री रुडेंको से आम हित के अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। चीन के उप विदेश मंत्री मा झाओक्सू ने भी रविवार को रुडेंको से मुलाकात की और ‘जटिल और गंभीर’ अंतरराष्ट्रीय माहौल के तहत दोनों देशों के सामान्य हितों की रक्षा करने की कसम खाई। चीनी राज्य मीडिया ने रूस में विद्रोह को कवर किया।
ग्लोबल टाइम्स ने पूर्व प्रधान संपादक हू ज़िजिन का एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें शासन परिवर्तन सहित संभावित परिदृश्यों का विश्लेषण किया गया था। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक वेबसाइट के बयान में कहा, चीनी पक्ष ने देश में स्थिति को स्थिर करने के रूसी नेतृत्व के प्रयासों के लिए समर्थन व्यक्त कियायूरोप और यूरेशिया के लिए अमेरिका के पूर्व सहायक सचिव और दो थिंक टैंक के सह-संस्थापक वेस मिशेल ने एक साक्षात्कार में कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि पुतिन कमजोर हो गए हैं।

पुतिन ने दी सुरक्षा की गारंटी
70 वर्षीय पुतिन ने अपने सहयोगी बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको द्वारा कराए गए उस सौदे पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिसने प्रिगोझिन के विद्रोह को समाप्त कर दिया। क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने वैगनर नेता को बेलारूस की यात्रा करने देने और उनके और विद्रोह में शामिल सेनानियों के खिलाफ आपराधिक विद्रोह के आरोप हटाने की गारंटी दी

क्या पुतिन ने किया आत्मसमर्पण
रूसी सरकार के पूर्व सलाहकार किरिल रोगोव ने कहा कि पुतिन को रियायतें देनी पड़ीं और वास्तव में आत्मसमर्पण करना पड़ा। प्रिगोझिन को हराने के बजाय उन्हें उसके साथ बातचीत करनी पड़ी और सार्वजनिक रूप से अपनी कमजोरी का प्रदर्शन करते हुए सुरक्षा की गारंटी देनी पड़ी।
प्रिगोझिन का ठिकाना अज्ञात है और उन्होंने टेलीग्राम पर एक ऑडियो संदेश में शनिवार देर रात रक्तपात से बचने के लिए अपनी सेना की वापसी की घोषणा करने के बाद से कोई टिप्पणी नहीं की है। सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो में दिखाया गया है कि जब दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में एक सैन्य प्रतिष्ठान पर वैगनर ने विद्रोह के आरंभ में कब्जा कर लिया था तो भीड़ उसे प्रोत्साहित कर रही थी।
पुतिन के खिलाफ प्रिझोगिन ने क्यों की बगावत?

दरअसल, रूस ने वैगनर ग्रुप के लड़ाकों को सेना में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, जिसके कारण ग्रुप के कई लड़ाके सेना में शामिल होना चाहते हैं। पुतिन के प्रति वफादार रहने वाले प्रिगोझिन को इससे अपने संगठन के अस्तित्व पर खतरा नजर आया। इसके अलावा, वैगनर ग्रुप के लड़ाकों के साथ भेदभाव की शिकायत भी मिल रही थी। वहीं, जब यूक्रेन में स्थित वैगनर शिविर पर रूसी मिसाइल हुआ तो प्रिगोझिन का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने पुतिन के खिलाफ बागवत कर दी।

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