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बच्चे तो दूर स्टाफ भी पूरे नहीं पहुंचे , एक महीने बाद खुले स्कूल, बदहाल दिखे खेल मैदान

गर्मी की छुट्टियां पूरी होने के बाद जिले में प्राइवेट स्कूल बंद रहे जबकि राजकीय विद्यालयों में बच्चों के साथ स्टाफ सदस्य भी पूरा नहीं पहुंचे

प्रदेश में गर्मी की छुट्टियां शनिवार को खत्म हो गई हैं। जिले में प्राइवेट स्कूल बंद रहे जबकि राजकीय विद्यालयों में बच्चों के साथ स्टाफ सदस्य भी पूरा नहीं पहुंचे। कई स्कूलों में खाना बनाने वाली कर्मी भी पूरे नहीं मिले। मुख्यालय ने दो दिन पहले पत्र जारी कर आदेश दिए थे कि एक जुलाई से स्कूलों में त्रिवेणी लगाई जाएगी। यहां न बच्चे पहुंचे और ना ही त्रिवेणी लगाई गई। बता दें कि जिले के सरकार स्कूलों कक्षा पहली से बारहवीं तक एक लाख से अधिक विद्यार्थी इस समय पढ़ाई कर रहे हैं। अगर छुट्टियों के बाद स्कूलों में बच्चों की संख्या की औसत देखें तो यहां दस प्रतिशत बच्चे स्कूलों पहुंचे और शेष गैरहाजिर रहे।

कागजों तक सिमटे रहे आदेश

राजकीय विद्यालयों में अव्यवस्थाएं मिलने पर एक बात तो जाहिर हो चुकी है कि मुख्यालय के आदेश धरातल पर लागू नहीं हो रहे। केवल कागजों में ही सिमट कर रहे गए है। हालांकि, जिला स्तर पर शिक्षा विभाग का दावा है कि सभी विद्यालयों में हर तरह की सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।

विद्यालय में साफ सफाई का अभाव, कमरे भी बंद

पूंडरी कस्बा में सुबह स्कूल लगने तक भी कई स्कूलों में कमरे बंद थे। यहां विद्यार्थियों को खुद कमरे खोलने पड़े। ये हालात तब थे जब सभी स्कूल प्रबंधकों को स्कूल खुलने के संबंध पत्र भेजा गया। हाबड़ी, सिरसल, डीग, हजवाना, बरसाना व राजौंद, ढांड के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम रही। वहीं स्टाफ सदस्य भी कम पहुंचे। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन से जानकारी जुटाई गई तो उन्होंने रविवार की छुट्टी होने का हवाला दिया।

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