कंगारू मदर केयर को अपनाएँ ,इससे शिशु के स्वस्थ शरीर का होता है निर्माण
-माँ की धड़कन सुनकर शिशु को राहत का होता है एहसास,मिलता है आराम
-शिशु को माँ के सीने से चिपकाने से शिशु में होती है गर्माहट
लखीसराय, 25 जनवरी| समय पूर्व जन्म लेने वाले शिशु ना सिर्फ कम वजन के होते हैं, बल्कि ऐसे शिशु जन्म लेने बाद कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं। ऐसे में खासकर कोविड 19 काल में इस तरह के शिशुओं का विशेष ख़्याल रखना जरूरी है। इस तरह के बच्चे के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए कंगारू मदर केयर तरीके को अपनाना सबसे आसान एवं बेहतर उपाय है| जिससे शिशु का बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सकता है।
बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का होता है निर्माण:
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि कंगारू मदर केयर बच्चों में मानसिक एवं शारीरिक विकास का निर्माण करने में काफी सहयोग करता है। बच्चा जब अपने माँ के नजदीक रहता है तो वह खुद तनावमुक्त महसूस करता है। जिससे बच्चे का स्वस्थ शरीर निर्माण होता है। यह बिना खर्च सबसे अच्छा उपाय है।
क्या है कंगारू मदर केयर,इसका उपयोग किस तरह होता है:
कंगारू मदर केयर एक ऐसा उपाय है,जो कम वजन के साथ जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ में सुधार लाने के लिए अपनाया जाता है। इससे शिशु का वजन बढ़ता है। स्तपान बेहतर होता है। बच्चे का तापमान सही रहता है और वह संक्रमण (इन्फेक्शन) से दूर रहता है। बच्चे और माँ के बीच रिश्ता मजबूत होता है। इसमें शिशु को माँ के सीने पर सीधी पाॅजिशन में चिपकाकर रखा जाता है। इस स्थिति में माँ की का छाती पूरी तरह खुली होनी चाहिए ताकि माँ के की शरीर की का गर्माहट आसानी से और जल्दी शिशु में स्थानांतरित हो सके। इससे शिशु का तापमान सही रहता है। इसे माँ के अलावा शिशु के परिवार के अन्य महिला व पुरुष भी उपयोग कर सकते हैं है। सिर्फ इस दौरान इस बात का ख्याल रखना है कि शिशु को कंगारू मदर केयर की का सुविधा देने वाले स्वस्थ हों।
इन बातों का रखें ख़्याल:
- बच्चे को साफ़ हाथों से ही छुएं
- यदि माँ बुखार, सर्दी या खाँसी से पीड़ित हो तो शिशु को कंगारू मदर केयर नहीं दें
- घर का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति नवजात को कंगारू मदर केयर प्रदान कर सकते हैं।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,- - एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।