मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी ला रही हैं जीएनएम
अमानत प्रशिक्षण के तहत 55 नई जीएनएम को किया गया है प्रशिक्षित
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी ने नई जीएनएम दे रही अपना योगदान
बांका, 4 जनवरी
जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ जिसमें केयर इंडिया की मदद से जिले की 55 जीएनएम नर्सों को पहले चरण का प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण शिविर में जीएनएम नर्सों का कौशल विकास किया गया तथा उनको प्रसव के पूर्व व उसके दौरान की सभी तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया।
बांका जिले में केयर इंडिया के डीटीएल डॉ संजय महापात्रा ने बताया कि जीएनएम को पहले चरण का प्रशिक्षण दिया गया है. उन्हें मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में किस तरह से कमी लाना है, इसका प्रशिक्षण दिया गया है. अभी वह अपने क्षेत्र में काम कर रही हैं और इसका फायदा भी मिल रहा है. प्रशिक्षित जीएनएम प्रसव के दौरान आने वाली जटिलता को चिन्हित कर रही हैं. जटिलता चिन्हित हो जाने से प्रसव का प्रबंधन आसान हो जाता है. इस वजह से मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है.
लेबर रूम में काम करने का दिया गया है प्रशिक्षण: डॉक्टर संजय महापात्रा ने बताया, नवनियुक्त जीएनएम को लेबर रूम में किस तरह से काम करना है, इसका प्रशिक्षण दिया गया है. अभी वह लेबर रूम में काम कर प्रसव के दौरान आने वाली समस्याओं की पहचान कर रही है. समस्याओं की पहचान समय पर हो जाने से प्रसव का प्रबंधन बेहतर तरीके से हो जाता है. इससे मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिल रही है.
नवजात शिशु के पुनर्जीवन की प्रक्रिया में दे रही योगदान: डॉक्टर संजय महापात्रा ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान जीएनएम को बताया गया था कि नवजात शिशु के पुनर्जीवन की प्रक्रिया जन्म के 15 मिनट बाद कैसे की जाती है. इसे करके भी दिखाया गया था, ताकि प्रशिक्षण लेने वाली जीएनएम अपने-अपने क्षेत्र में इस पर ठीक तरीके से अमल कर सकें. अभी वह अपने क्षेत्र में इस पर अमल कर रही हैं. इससे शिशु मृत्यु दर को काम करने में काफी मदद मिल रही है.
अगले दौर का प्रशिक्षण जल्द: डॉ महापात्रा ने बताया कि पहले चरण का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी नई जीएनएम को दूसरे चरण का प्रशिक्षण इसी माह दिया जाएगा. उस प्रशिक्षण में इन लोगों को मातृ और शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए कुछ और तरीके बताए जाएंगे. साथ ही इस काम से जुड़ी जटिलताओं के बारे में बताया जाएगा. इसके बाद वे लोग पूरी तरीके से प्रशिक्षित हो जाएंगे जिसका फायदा जिले के लोगों को मिलने लगेगा.
कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें