लबाइक मोबाइल लैब के जरिए हर दिन सैकड़ों लोगों की हो रही स्वास्थ्य जांच
जांच के बाद मरीज को पटना एम्स के डॉक्टर दे रहे चिकित्सकीय सलाहअब तक लगभग 1000 मरीजों ने इस सेवा का उठाया लाभ
भागलपुर, 19 अगस्त
शहर के विभिन्न वार्डों में मोबाइल मेडिकल लैब- लबाइक से प्रतिदिन लोगों की 76 प्रकार की जांच की जा रही है. जांच के बाद टेलीमेडिसिन सेवा के जरिए पटना एम्स के चिकित्सकों द्वारा इलाज भी किया जा रहा है. प्रतिदिन सैकड़ों लोग इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं. सिविल सर्जन विजय कुमार सिंह ने कहा कि इसका मकसद लोगों के घर तक स्वास्थ सेवा पहुंचाना है. कोरोना काल में लोग घरों से कम निकल रहे हैं. ऐसे में यह सेवा लोगों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है. अभी तक 8 दिनों में लगभग एक हजार मरीजों की जांच हो चुकी है. हर व्यक्ति का बनेगा हेल्थ प्रोफाइल: सिविल सर्जन विजय कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा को लोगों के घर तक पहुंचाने की तैयारी चल रही है. इस क्रम में अब घर-घर जाकर हर व्यक्ति का हेल्थ प्रोफाइल एवं आईडी बनाया जाएगा. साथ ही घर घर जाकर एंटीजन किट से जांच जल्द शुरू होगी. हेल्थ प्रोफाइल में व्यक्ति के स्वास्थ्य की सभी जानकारी मौजूद रहेगी. व्यक्ति को कौन सी बीमारी है, क्या इलाज चल रहा है, इसकी जानकारी हेल्थ प्रोफाइल में रहेगी. हर दिन सैकड़ों लोगों की हो रही जांच: सिविल सर्जन विजय कुमार सिंह ने कहा कि शहर के विभिन्न वार्डों में घूम घूम कर लबाइक मोबाइल लैब के जरिए प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की ब्लड व अन्य जांच की जा रही है, जिसके बाद टेलीमेडिसिन के जरिये पटना एम्स के चिकित्सकों द्वारा परामर्श तथा इलाज किया जा रहा है. जिनको सघन स्वास्थ्य चिकित्सा की आवश्यकता होती है उन्हें संबंधित अस्पताल या अन्य बड़े अस्पताल जिसमें पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस या एम्स में चिकित्सा के लिए अनुशंसित किया जाता है, ताकि बेहतर इलाज संभव हो सके। लबाइक मोबाइल लैब की संख्या जल्द होगी 4: अभी शहर में दो लबाइक मोबाइल लैब द्वारा जांच की जा रही है जिसे जल्द ही बढ़ाकर चार कर दिया जाएगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों का कम समय में स्वास्थ्य जांच हो सके. इसके साथ ही ह्रदय रोग, डायबिटीज, उदर रोग, किडनी आदि कई परेशानियों के लिए अलग से चिकित्सा की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है. चंपानगर में सैकड़ों लोगों की स्वास्थ्य जांच: बुधवार को चंपानगर के नरगा चौक पर लबाइक मोबाइल लैब से सैकड़ों लोगों की जांच की गई. जांच में जिस व्यक्ति को जो बीमारी निकली उसका पटना एम्स के डॉक्टरों ने मोबाइल से चिकित्सकीय सलाह दी. गंभीर मरीजों को संबंधित अस्पताल रेफर कर दिया गया.