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Porn Star से जुड़े मामले में ट्रंप के खिलाफ अगले साल 25 मार्च से होगी सुनवाई, कोर्ट ने दिए जरुरी दिशा-निर्देश

पोर्न स्टार से जुड़े मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अगले साल 2024 में 25 मार्च से मैनहटन कोर्ट में सुनवाई होगी। हालांकि इसी साल राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं तो ऐसे में ट्रंप को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरुद्ध 2016 के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान पोर्न स्टार को चुप रहने के बदले पैसे देने के आपराधिक मामले में ट्रायल कोर्ट अगले साल 25 मार्च से शुरू होगा। मैनहटन कोर्ट में फ्लोरिडा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये सुनवाई में शामिल होने वाले ट्रंप को अदालत ने उस दौरान अपने सभी कार्यक्रम रद्द करने की सलाह दी है।

2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हो सकती है असुविधा

2024 के राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी कर रहे ट्रंप को इससे असुविधा हो सकती हैं। मैनहटन स्टेट कोर्ट के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को यह भी सलाह दी कि वह किसी साक्ष्य के बारे में सार्वजनिक बहस करने के बजाय उसे कोर्ट में पेश करें। मंगलवार को कोर्ट रूम में स्क्रीन पर ट्रंप अपने वकील टाड ब्लैंच के साथ बैठे दिखाई दे रहे थे। ट्रंप ने एक पोस्ट में कहा है कि अदालत के निर्देश से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन

किस मामले में दोषी पाए गए थे ट्रंप?

2024 में 25 मार्च को नियत ट्रायल की तिथि राष्ट्रपति चुनाव के प्राइमरी सीजन का मध्य होगा। यह चुनाव में हस्तक्षेप है। उल्लेखनीय है कि ग्रांड ज्यूरी ने अपनी जांच में पोर्न स्टार को शारीरिक संबंधों को लेकर चुप रहने के बदले गुप्त रूप से 1.3 लाख डालर देने के मामले में ट्रंप को दोषी पाया था। उनके विरुद्ध आपराधिक मामला चलाने की अनुमति दी थी। उधर, मार-ए-लागो में छापे के दौरान मिले गोपनीय दस्तावेजों के मामले में ट्रंप के वकील ने अटार्नी जनरल से बैठक की मांग की है।

ट्रंप ने क्या लगाया आरोप?

ट्रम्प ने 34 आपराधिक मामलों में खुद को निर्दोष बताया है। सुनवाई के बाद अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। वहीं, उन्होंने पोस्ट में यह भी आरोप लगाया है कि अगले साल वह चुनावों में खड़े न हो सकें, इसलिए ही सुनवाई की तारीख मार्च में रखी गई है। उन्होंने कहा कि इसे कहते हैं चुनाव में हस्तक्षेप करना।

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