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भारतीय निर्यातकों ने PM Modi से किया आग्रह, कहा- मिस्र के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर विचार करें भारत

पीएम मोदी दो दिवसीय मिस्र दौरे पर है जिस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते होने की संभावना बन रही है।

भारत और मिस्र के व्यापारिक संबंध पहले से ही काफी मजबूत और संतुलित है। ऐसे में कुछ निर्यातकों का कहना है कि भारत को मिस्र के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने पर विचार करना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मिस्र पहुंच गए हैं। पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दों पर समझौते होने के आसार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर काहिरा में हैं।

मुक्त व्यापार समझौते पर करना चाहिए विचार

भारतीय निर्यातकों के मुताबिक, भारत को मिस्र के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते(एफटीए) पर बातचीत करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि भूमध्यसागरीय देश कृषि उत्पादों, इस्पात वस्तुओं और हल्के वाहनों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में घरेलू उद्योग के लिए बड़ी संभावनाएं रखता है।

2021-22 के मुकाबले बढ़ा भारत का निर्यात

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि भारत और मिस्र के बीच मजबूत और संतुलित ऐतिहासिक व्यापार संबंध हैं। भारत का निर्यात 2021-22 में 3.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। हालांकि, उस देश से आयात 2021-22 में 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले घटकर लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।

पश्चिमी एशिया और अफ्रीका के देशों के साथ एफटीए

उर्वरक, कच्चा तेल, रसायन, कच्चा कपास और कच्ची खालें मिस्र से आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं हैं। वहीं, मुख्य निर्यात वस्तुओं में गेहूं, चावल, सूती धागा, पेट्रोलियम, मांस, फ्लैट-रोल्ड उत्पाद, फेरोलॉयल (लोहे से संबंधित) और हल्के वाहन शामिल हैं।

सहाय ने कहा, “प्रधानमंत्री की यात्रा महत्वपूर्ण है, क्योंकि मिस्र ही अफ्रीका और यूरोप का प्रवेश द्वार है। आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और संभवतः एफटीए के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि मिस्र के पास पश्चिम एशिया और अफ्रीका के देशों के साथ ऐसे एफटीए हैं।”

भारत को मिस्र के साथ लॉजिस्टिक्स को लेकर विचार करना चाहिए

सहाय ने कहा कि कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग के अलावा, भारत को मिस्र के साथ लॉजिस्टिक्स में गठजोड़ का पता लगाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें अगले तीन वर्षों में व्यापार को मौजूदा 6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 15 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने पर विचार करना चाहिए।”

घरेलू मुद्रा में व्यापार शुरू करने पर विचार करें दोनों देश

इंजीनियरिंग निर्यातक और गेको ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के निदेशक खालिद खान ने कहा कि मिस्र अफ्रीका में भारत का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। लुधियाना स्थित इंजीनियरिंग निर्यातक और हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एससी रल्हन ने सुझाव दिया कि मिस्र को भारत के साथ घरेलू मुद्रा में व्यापार शुरू करने पर विचार करना चाहिए। मिस्र में लगभग 50 भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं

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