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जम्मू-कश्मीर में बच्चों के टीकाकरण को लेकर अभिभावक हुए जागरूक

जम्मू-कश्मीर में बच्चों के टीकाकरण को लेकर अभिभावक हुए जागरूक

जम्मू-कश्मीर में बच्चों के टीकाकरण को लेकर लोग जागरूक हैं। छह प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए 96 प्रतिशत लोगों ने अपने बच्चों का टीकाकरण करवाया है। सिर्फ चार प्रतिशत बच्चे ही ऐसे हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। कठुआ जिला इसमें सबसे आगे है। जिले में शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हुआ है। जबकि डोडा जिला सबसे पिछड़ा हुआ है। इसी तरह लड़कों की तुलना में लड़कियों ने अधिक टीकाकरण करवाया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार सर्वेक्षण-5 के अनुसार तपेदिक, डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो और खसरा से बचाव के लिए जम्मू और कश्मीर में चार प्रतिशत बच्चों को छह कोई टीका नहीं लगा है। कठुआ जिले शत प्रतिशत टीकाकरण के साथ सबसे आगे हैं जबकि डोडा में 62 प्रतिशत के साथ सबसे कम कवरेज है। बच्चों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए टीकाकरण को सबसे अधिक प्रभावी कर सकता है। 12-23 महीने की उम्र के 86 प्रतिशत बच्चों को इन छह बीमारियों से बचाव के लिए सभी बुनियादी टीकाकरण हुआ है। हालांकि 96 प्रतिशत बच्चों को कम से कम आंशिक रूप से टीका लगाया गया है। जब सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार सर्वेक्षण-4 किया था तो उस समय पेंटा टीका व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं था। उस समय बच्चों के टीकाकरण कार्ड के आधार पर डाटा दर्ज किया गया था और 80 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हुआ था। इसके बाद पेंटा टीका व्यापक रूप से अस्पतालों में उपलब्ध हुआ और पाचवें सर्वे में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। सर्वे के अनुसार 95 प्रतिशत बच्चों ने बीसीजी टीकाकरण करवाया है।

88 प्रतिशत ने पोलियो टीका की अनुशंसित तीन डोज प्राप्त की है। 93 प्रतिशत ने डीपीटी या पेंटा टीका की तीन अनुशंसित डोज ली हैं और 92 प्रतिशत को खसरा के खिलाफ टीका लगाया गया है। पोलियो की तीन खुराक के लिए कवरेज टीका भी 84 प्रतिशत से बढ़कर 88 प्रतिशत हो गया। कुल मिलाकर सभी बुनियादी टीकाकरण 75 से 86 प्रतिशत हुआ। सिर्फ बीसीजी वैक्सीन के कवरेज में एक प्रतिशत की गिरावट आई है। चौथे सर्वे में जहां 96 प्रतिशत बच्चों ने टीकाकरण करवाया था। वहीं पांचवें में यह 95 प्रतिशत रह गया। इसके अलावा 94 प्रतिशत बच्चों को हेपेटाइटिस बी के टीके की कम से कम एक खुराक मिली और 91 प्रतिशत बच्चों ने हेपेटाइटिस बी के टीके की जरूरी सभी तीन डोज ली हैं। वहीं सर्वे में एक तथ्य यह भी सामने अाया है कि लड़कियों ने लड़कों के मुकाबले अधिक टीकाकरण करवाया है। 88 प्रतिशत लड़कियों और 85 प्रतिशत लड़कों ने टीकाकरण करवाया।

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