Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
देशराज्य

गोरखपुर महोत्‍सव में खूब दिखा खादी का जलवा

गोरखपुर – गोरखपुर महोत्‍सव में खूब दिखा खादी का जलवा, मुक्‍ताकाशी मंच पर जीवंत हुआ चौरीचौरा कांड | गोरखपुर महोत्‍सव के पहले दिन की शाम खादी के नाम रही. कड़कड़ती ठंड के बीच जब उत्‍तर प्रदेश खादी बोर्ड की पहल पर लाखों अनजान खादी कारीगरों की मेहनत को मंच मिला, तो तालियों की गड़गड़ाहट ने उनकी कारीगरी में चार चांद लगा दिए.

पद्मश्री वस्त्र डिजाइनर रूना बैनर्जी समेत अंतरराष्ट्रीय ख्याति के डिजाइनर्स द्वारा तैयार परिधानों की धूम रही. उधर मुक्‍ताकाशी मंच आज इतिहास का साक्षी बना. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के प्रयास और पहल पर बने पूर्वांचल के कलाकारों को विश्‍व पटल तक पहुंचाने के लिए तैयार इस मंच पर स्‍थानीय कलाकारों ने चौरीचौरा कांड पर आधारित नाटक 4 फरवरी 1922 की पहली प्रस्‍तुति कर इस मंच को इतिहास में दर्ज करा दिया.
 
गोरखपुर महोत्सव के पहले दिन की शाम खादी के नाम रही. मुख्य मंच पर पद्मश्री रूना बैनर्जी और अन्य अंतरराष्ट्रीय ख्याति के डिजाइनर्स द्वारा तैयार वस्त्रों में शो स्टॉपर मिस इंडिया डिंपल पटेल समेत प्रोफेशनल मॉडल्स जब उतरे, तो नई स्टाइल स्टेटमेंट बन रही खादी का जलवा छा गया. खादी फैशन शो के जरिये प्रदेश सरकार की वह कोशिश भी साकार होती नजर आई, जिसमे वह इस स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देकर इससे जुड़े लोगों का जीवन स्तर उन्नत करने में जुटी है.
 
किसान के उत्पाद से फैब्रिक, फैब्रिक से स्थानीय उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय ख्याति और बड़ा बाजार दिलाने की योगी सरकार की खादी फैशन शो के जरिए यह पहल गोरखपुर महोत्सव में जुटे लोगों के दिल मे उतर गई. अमूमन फैशन शो का जिक्र आते ही विदेशी वस्त्रों का ही ख्याल लोगों के मन में आता है. लेकिन उत्तर प्रदेश खादी बोर्ड की पहल पर यह ऐसा शो रहा, जिसमे भारतीय संस्कृति और परम्परा के अनुरूप विशुद्ध स्वदेशी वस्त्रों की धूम रही. परम्परा और सलीके की आधुनिकता के इस संगम में मुंबई और दिल्ली से आए मॉडल्स का रैंप पर वाक खचाखच भरे समारोह स्थल में मौजूद लोगों को राष्ट्रीयता के आवरण में सुखद रहा.
 
इस फैशन शो में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का खादी को जन-जन की दैहिक भाषा बनाने का सपना साकार हो रहा हुआ. तो वह कालजयी उक्ति भी चरितार्थ हुई कि खादी वस्त्र नहीं विचार है. इस आयोजन से उन लाखों लाख अनजान कारीगरों को भी मंच मिला, जो खादी की कारीगरी से आजीविका चलाते हैं. खादी फैशन शो में पहला सेगमेंट टसर सिल्क में डिजाइनर रूना बैनर्जी द्वारा डिजाइन किए परिधानों का रहा.

शो स्टॉपर डिंपल पटेल समेत मुंबई और दिल्ली से आए मॉडल्स ने लहंगा, सूट, गरारा, कुर्ता व शेरवानी में पारम्परिक भारतीय परिधानों में वाक कर लोगों का मन मोह लिया. दूसरे सेगमेंट में डिजाइनर रुपिका रस्तोगी गुप्ता के आई वियर खादी ब्रांड के इंडो वेस्टर्न कलेक्शन में मॉडल्स रैंप पर उतरे. परम्परा के साथ आधुनिकता के मिश्रण से डिजाइन इन परिधानों को उत्तर प्रदेश में तैयार खादी टेक्सटाइल से तैयार किया गया है.
 
खादी फैशन शो के आखिरी सेगमेंट में लखनऊ की अवार्डेड डिजाइनर अस्मा हुसैन की खादी में शादी कलेक्शन (वेडिंग कलेक्शन) पर गोरखपुर महोत्सव की शाम सजी महफ़िल चहक उठी. इसमें मॉडल्स ने खादी में तैयार दुल्हन साथ ही शादियों के लिए मेहमानों के परिधान में रैंप पर वाक किया. खादी फैशन शो के दौरान सूफीयाना भारतीय संगीत पर तनूरा नृत्य की प्रस्तुति पर सभी लोग झूम उठे. यार मेरी ओ यार मेरी सूफी गीत पर विशेष प्रकार के नृत्य की इस प्रस्तुति के दौरान लोग लगातार ताली बजाते रहे.
 
खादी फैशन शो के डायरेक्टर पल्लव बोस ने बताया कि कोरोना काल में यूपी के गोरखपुर में पहला लाइव इवेंट हो रहा है. यह संभव हुआ है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृढ़ इच्छाशक्ति व सकारात्मक सोच से. शो के दौरान उन्होंने बार बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया. इसके पूर्व नवनिर्मिंत गोरखपुर के स्‍थानीय कलाकारों को समर्पित मुक्‍ताकाशी मंच पर चौरीचौरा कांड जीवंत हो उठा.

स्‍थानीय कलाकारों के जीवंत अभिनय और मंच मिलने की ललक ने सांसद रविकिशन समेत दर्शक दीर्घा में उपस्थित लोगों का मन मोह लिया. कलाकारों ने ऐसी जीवंत प्रस्‍तुति दी. जिसने लोगों को 4 फरवरी 1922 को हुए चौरीचौरा कांड की याद दिला दी. इसके साथ ही लोगों को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया| 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *