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Manipur Violence: मणिपुर के बिष्णुपुर में दो समूहों के बीच गोलीबारी, 1 जवान सहित 2 सुरक्षाकर्मी घायल

 मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी

 सेना के एक जवान सहित दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। अधिकारियों ने कहा कि राज्य की राजधानी इम्फाल से लगभग 50 किलोमीटर दूर फौबाकचाओ इखाई क्षेत्र में गुरुवार सुबह गोलीबारी शुरू हुई और देर रात तक लगभग 15 घंटे तक जारी रही। इस दौरान गोलीबारी में शामिल भीड़ ने एक घर को भी जला दिया।

भीड़ को खदेड़ने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा

अधिकारियों ने बताया कि दो पक्षों के बीच गोलीबारी में शामिल भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिसकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक, हमले के दौरान तेरा खोंगसांगबी के समीप स्थित घर में आग लगा दी गई।उन्होंने बताया कि अभी यह जानकारी नहीं है कि घटना में कोई हताहत तो नहीं है।

मणिपुर में करीब तीन महीने पहले कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय हिंसा भड़की थी और तब से इसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

मुठभेड़ में दो जवान घायल

मुठभेड़ में घायल पुलिस कमांडो की पहचान 40 वर्षीय नामीराकपम इबोम्चा के रूप में हुई है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, मोर्टार विस्फोट में उनके दाहिने पैर और दाहिने कान पर छर्रे लगे हैं। उन्होंने बताया कि सेना का जवान कुमाऊं रेजिमेंट का है लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है।उन्होंने कहा, “इलाके में उड़ाए गए ड्रोन में कुछ उपद्रवी अपने साथियों को ले जाते हुए फुटेज में कैद हुए हैं। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कार्रवाई में वे उपद्रवी घायल हुए या मारे गए हैं।”

क्या है पूरा मामला?

लगभग तीन महीने पहले मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क उठी थी, तब से अब तक 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी थी।मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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