Manipur Violence: इंफाल में फिर हिंसक विरोध प्रदर्शन, डीसी ऑफिस में तोड़फोड़; दो गाड़ियां फूंकी
Manipur Violence मणिपुर राज्य की राजधानी में दो युवकों की मौत को लेकर छात्रों के बीच आक्रोश है। वह प्रदर्शन कर दोनों युवकों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर छात्रों के नेतृत्व में हिंसा की एक ताजा घटना भड़क गई है।गुरुवार को हुए प्रदर्शन में छात्रों के भीड़ ने इंफाल पश्चिम में उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो वाहनों को आग लगा दी।
भाजपा कार्यालय में प्रदर्शनकारियों ने लगा दी आग
सुरक्षा बलों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शनों का मुकाबला करने के लिए दो जिलों – इंफाल पूर्व और पश्चिम में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस हिंसा में मंगलवार से 65 प्रतिशत प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। पुलिस ने कहा कि इस बीच, थौबल जिले के खोंगजाम में एक भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान जारी
मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि भीड़ ने एक पुलिस वाहन को निशाना बनाया और उसे आग के हवाले कर दिया, जबकि एक पुलिसकर्मी से मारपीट की और उसका हथियार छीन लिया। बयान में आगे बताया गया कि ऐसे अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, छीने गए हथियारों की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
छात्रों के इस प्रदर्शन के बीच, मणिपुर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुरक्षा बलों से किशोरों के खिलाफ मनमाने ढंग से लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया है।
तीन मई को शुरू हुआ था मणिपुर में हिंसा
आपको मालूम हो कि 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं। बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।