पीएम मोदी- हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा माने जाते हैं अहम पड़ाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा, युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 आईआईटी थीं। बीते 5-6 साल में 7 नए आईआईएम स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 आईआईएम ही थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 5-6 सालों में, हमने अपनी शिक्षा प्रणाली में बदलाव करके अपने छात्रों को 21वीं सदी में आगे बढ़ने में मदद करने की लगातार कोशिश की है।
अगर एनईपी देश के एजुकेशन सेक्टर का भविष्य सुनिश्चित कर रही है, तो ये आप जैसे युवा साथियों को भी एंपावर कर रही है। अगर खेती से जुड़े रिफॉर्म्स किसानों को सशक्त कर रहे हैं, तो लेबर रिफॉर्म्स लेबर और इंडस्ट्री दोनों को ग्रोथ, सिक्योरिटी और थ्रस्ट दे रहे हैं।
मेडिकल एजुकेशन में भी ट्रांसपेरेंसी की बहुत कमी थी। इसे दूर करने पर भी जोर दिया गया। आज देश में मेडिकल एजुकेशन में पारदर्शिता लाने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन बनाया जा चुका है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे एजुकेशन सेटअप में फंडामेंटल चेंजिस लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है। हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा कॉम्पिटिटिव बनाने के लिए मल्टीडाइमेंशनल अप्रोच पर फोकस किया जा रहा है।
बीते 5-6 सालों से हायर एजुकेशन में हो रहे प्रयास सिर्फ नए इंस्टीट्यूशन खोलने तक ही सीमित नहीं है। इन संस्थाओं में गवर्नेंस में रिफॉर्म्स से लेकर जेंडर और सोशल पार्टिसिपेशन सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया गया है। ऐसे संस्थानों को ज्यादा ऑटोनोमी भी दी जा रही है।
बीते 5-6 साल में 7 नए आईआईएम स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 आईआईएम ही थे। इसी तरह करीब 6 दशक तक देश में सिर्फ 7 एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं।