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नियमावली में बदलाव का विरोध कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा 

बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की होने वाली भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका देने के बाद बिहार में मचा बवाल

बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की होने वाली भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका देने के बाद से बवाल मचा हुआ है। बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी लगातार नियमावली में संशोधन का विरोध कर रहे हैं।

पटना में शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थी सड़क पर उतर गए। शनिवार की सुबह 2000 से अधिक की संख्या में अभ्यर्थी सबसे पहले गांधी मैदान में इकट्‌ठा हुए। फिर हाथों में तिरंगा लिए पैदल मार्च किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के बाद रोक दिया।

पुलिस के समझाने के बाद भी शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आक्रोशित शिक्षक अभ्यर्थियों ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ा। डाक बंगला चौराहे से पुलिस ने उन्हें पटना जंक्शन तक खदेड़ा है। पुलिस ने 35 शिक्षक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है, इनमें 2 महिलाएं हैं। सभी को कोतवाली थाना ले जाया गया है।

पुलिस ने पहले से बैरिकेडिंग कर रखी थी। ताकि अभ्यर्थियों को इससे आगे बढ़ने नहीं दिया जाए। फिर हल्का बल प्रयोग कर सभी को पीछे खदेड़ दिया। फिर सेंट जेवियर स्कूल, गांधी मैदान के पास लाठी चार्ज किया गया। अभ्यर्थी सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। साथ ही शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि डोमिसाइल नीति को फिर से लागू किया जाए।

शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलन अपडेट्स

दोपहर 2 बजे तक 35 शिक्षक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया है। इनमें 2 महिला भी है। सभी को कोतवाली थाना ले जाया गया है।
दोपहर 1:15 में शिक्षक अभ्यर्थियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ा।
दोपहर 1 बजे के करीब प्रदर्शन की वजह से डाकबंगला से गांधी मैदान के बीच जाम लग गया।
साढ़े 12 बजे के करीब कुछ शिक्षक अभ्यर्थी जुटे थे। रोड जाम करने की कोशिश पर पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया।
शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया कि जो भी प्रदर्शन करेंगे, उनपर आचार संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सेंट जेवियर स्कूल, गांधी मैदान के पास से अभ्यर्थियों को वापस खदेड़ा गया।
साढे 11 बजे के करीब जाम खाली कराने को लेकर पुलिस ने अभ्यर्थियों पर हल्का बल प्रयोग किया।
जेपी गोलंबर के पास करीब आधे घंटे तक अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया।
अभ्यर्थियों को रोकने के लिए पहले से ही पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रखी थी।
सुबह 11 बजे करीब 2000 की संख्या में अभ्यर्थी​ गांधी मैदान से राजभवन के लिए निकले।
​​​​​​सुबह 9 बजे से ही शिक्षक अभ्यर्थी पटना के गांधी मैदान में जुटने लगे।

शिक्षा मंत्री को पशुपालन विभाग देने की मांग

इधर शिक्षा विभाग ने भी प्रदर्शन को देखते हुए आदेश जारी किया है कि नई शिक्षा नियमावली का विरोध करने वालों के खिलाफ आचार संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले शिक्षक अभ्यर्थियों ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। जो कि कल पूरा हो गया था। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई भी जवाब नहीं मिला है। इसके साथ ही शिक्षक अभ्यर्थियों ने यह मांग की है कि शिक्षा मंत्री को शिक्षा विभाग से हटाकर पशुपालन विभाग दे देना चाहिए

फिर से लागू हो डोमिसाइल पॉलिसी

शिक्षक अभ्यर्थी अभिषेक झा ने कहा कि सरकार को हमने 72 घंटे का समय दिया था, लेकिन हमारी बात नहीं मानी गई। आज से गांधी मैदान से आंदोलन की शुरुआत हो गई। सीएम नीतीश कुमार को डोमिसाइल नीति लागू करना पड़ेगा। दिलीप कुमार ने आगे कहा कि अगर शिक्षा मंत्री को लगता है कि योग्य शिक्षक की बहाली के लिए वैकेंसी को नेशनल करना होगा। तो वह आगे कहेंगे कि वैकेंसी को इंटरनेशनल ही कर दिया जाना चाहिए। ताकि ब्रिटेन और अमेरिका के लोग भी यहां आकर शिक्षक बन सकेंगे।

शिक्षा मंत्री अगर बिहार में निकलेंगे तो उन्हें योग्य अभ्यर्थी नजर आ जाएंगे। क्योंकि देश और दुनिया में हर जगह शिक्षा के क्षेत्र में बिहारियों का डंका बज रहा है। यूपीएससी और इंजीनियरिंग में बिहार के छात्र लगातार अपना परचम फहराते रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि संशोधन को समाप्त करते हुए बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल पॉलिसी लागू की जाए।

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