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स्वास्थ्य

इस बार सतर्कता के साथ चलेगा पल्स पोलियो कार्यक्रम

5 साल तक के बच्चों को 11 अक्टूबर को पिलाया जाएगा पोलियो ड्रॉप

बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने को लेकर जिले भर में चल रही है तैयारी

बांका, 28 सितंबर

11 अक्टूबर को जिले भर के बच्चों को पल्स पोलियो ड्रॉप पिलाया जाएगा. इसे लेकर युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है. आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविकाओं को इसे लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया जा रहा है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया पल्स पोलियो कार्यक्रम को लेकर जिले के अस्पतालों के प्रभारियों को निर्देश दे दिया गया है.. सभी को कोरोना संक्रमण को लेकर जारी की गई गाइडलाइन के बारे में भी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने को कहा गया है.

कटोरिया रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया इस बार बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाते वक्त विशेष सावधानी बरती जाएगी. कोरोना को लेकर जो भी गाइडलाइन जारी की गई है, उसका पालन किया जाएगा. बच्चों में कोरोना का संक्रमण नहीं हो, इसे लेकर विशेष सतर्कता बरती जाएगी. इन सब चीजों को लेकर एक माइक्रो प्लान बना लिया गया है.

आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर पिलाएंगी बच्चों को पोलियो ड्राप: डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो का ड्रॉप पिलाएंगी. इस दौरान सभी स्वास्थ्यकर्मी मास्क और ग्लव्स पहनकर जाएंगी. इसे लेकर इन लोगों को जानकारी दे दी गई है. किस तरह से बच्चों को पोलियो की खुराक देनी है अभी बता दिया गया है.

दूर से ही बच्चों को पिलाया जाएगा पोलियो का ड्रॉप: डॉ. विनोद कुमार ने बताया के कोरोना को लेकर इस बार सावधानी बरती जा रही है. आशा हो या एएनएम या फिर आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका कोई भी बच्चों को टच नहीं करेंगी. दूर से ही बच्चों को ड्रॉप पिलाएंगी. बच्चे मां की गोद में ही रहेंगे. अगर बच्चा बड़ा है और 5 साल का है तो उसे भी दूर से पोलियो का ड्रॉप पिलाएंगी.

26 सुपरवाइजर को दिया जा चुका है प्रशिक्षण: पल्स पोलियो कार्यक्रम को लेकर कटोरिया प्रखंड में 26 सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. ये लोग इसे लेकर तैयारी कर रहे हैं. चिन्हित कर रहे हैं कि किस-किस घर में बच्चे हैं और इसे लेकर क्या तैयारी करनी है. हालांकि हर घर में आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका जाएंगी. एक भी बच्चा छूट न जाए, इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा

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