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ट्रेनों के समय पर चलने के रेलवे के दावे खोखले, बढ़ रही लेट-लतीफी

ट्रेनों को समय पर चलाने के रेलवे प्रशासन के दावे हो रहे है खोखले साबित ; सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य

ट्रेनों को समय पर चलाने के रेलवे प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे है। कोरोना महामारी के दौरान अधिकांश ट्रेनें समय पर चलने लगी थी। एक जुलाई, 2020 को रेलवे ने सभी ट्रेनों को समय पर चलाने का रिकॉर्ड बनाया था। उसके बाद किसी भी दिन यह रिकॉर्ड दोहराया नहीं जा सका है।

कोरोना काल में ट्रेनों की चाल सुधरने का मुख्य कारण इनकी संख्या कम होना था। ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ फिर से समस्या बढ़ने लगी। तमाम प्रयास के बाद भी सुधरने की जगह ट्रेनों की चाल बिगड़ती जा रही है। 17 से 23 तक रेलवे ने पूरे देश में विशेष सर्वे कराया था, जिसमें मात्र 68 प्रतिशत समय पालन बद्धता (समय पर ट्रेन संचालन) दर्ज हुआ।

रेलवे ने इस वर्ष 80 प्रतिशत रखा है समय पालन बद्धता का लक्ष्य

रेलवे ने वर्ष 2023-24 के लिए 80 प्रतिशत समय पालन बद्धता का लक्ष्य रखा है। इसकी तुलना में अबतक यह 73.26 प्रतिशत रहा है। इससे चिंतित रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे व मंडलों को स्थिति सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। ट्रेनों के गंतव्य पर पहुंचने में देरी होने से यात्री परेशान हैं, लेकिन रेलवे अधिकारी कभी मौसम तो कभी रेलवे ट्रैक पर काम चलने का बहाना बना लेते हैं।

उत्तर रेलवे का प्रदर्शन खराब

ट्रेनों की समय पालन बद्धता को लेकर पिछले वर्ष 22 से 28 अगस्त तक विशेष सर्वे किया गया था। उस दौरान भारतीय रेलवे का समय पालन बद्धता 84.43 प्रतिशत और उत्तर रेलवे का मात्र 77.70 प्रतिशत रहा था। इस माह हुए विशेष सर्वे में भारतीय रेलवे के साथ ही उत्तर रेलवे के प्रदर्शन में गिरावट आई है।

उत्तर रेलवे का समप पालन बद्धता मात्र 59.51 दर्ज हुआ, जिसमें मुरादाबाद मंडल का मात्र 38.03 प्रतिशत और लखनऊ मंडल का 53.84 प्रतिशत रहा। अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में मूसलधार वर्षा के कारण रेलवे लाइन को नुकसान पहुंचा जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई है।

दिल्ली मंडल में बढ़ रही ट्रेनों की लेट-लतीफी

दिल्ली मंडल में वर्ष 2021-22 में 92.37 प्रतिशत समय पालन बद्धता थी, लेकिन वर्ष 2022-23 में यह कम होकर 85.01 प्रतिशत रह गया था। विशेष सर्वे में यह मात्र 75.36 प्रतिशत रहा है। अधिकारियों का कहना है कि दूसरे मंडल से विलंब से ट्रेनें आने और यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण ट्रेनों को समय पर चलाने में दिक्कत हो रही है।

75 प्रतिशत से ज्यादा समयपालन बद्धता वाले क्षेत्रीय रेलवे-

.उत्तर पश्चिम रेलवे

.दक्षिण पश्चिम रेलवे

.पश्चिम रेलवे

.दक्षिण रेलवे

.पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे

.पूर्व मध्य रेलवे

.उत्तर पूर्वी रेलवे

खराब प्रदर्शन वाले क्षेत्रीय रेलवे-

.दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे-38.24

.पूर्व तटीय रेलवे-54.88

.दक्षिण मध्य रेलवे- 56.39

.उत्तर मध्य रेलवे- 57.33

.उत्तर रेलवे- 59.51

.पूर्व रेलवे-64.55

.पश्चिम मध्य रेलवे-64.71

.मध्य रेलवे-67.3

.दक्षिण पूर्व रेलवे-71.93

.कोंकण रेलवे-74.5

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