कोरोना काल में दोहरी चुनौतियों को मात दे रही सेविका सबली देवी
चांदन प्रखंड के कजोरिया आंगनबाड़ी केंद्र में 200 बच्चों की कर रही देखभाल
साथ में कोरोना से बचाव को लेकर गांव के लोगों को जागरूक कर रही सबली देवी
बांका, 26 नवंबर
आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका का काम वैसे ही चुनौतीपूर्ण है. छोटे-छोटे बच्चे की देखभाल करना और पढ़ाई के प्रति उसे प्रेरित करना आसान काम नहीं है. ऊपर से कोरोना को लेकर गांव के लोगों को जागरूक करना, लेकिन इस दोहरी चुनौती को मात दे रही हैं चांदन प्रखंड के कजोरिया आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका सबली देवी.
200 बच्चों की कर रही देखभाल: सबली देवी बताती है कि उनके आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 200 बच्चे हैं और उनका पढ़ाने से लेकर देखभाल की जिम्मेदारी को वह संभाल रही है. साथ ही उनके घरवालों को बच्चों के पोषण के प्रति भी जागरूक कर रही हूं. सबली देवी को इस काम में एक सहायिका का भी सहयोग मिल जाता है. इस वजह से वह अपने काम को काफी जिम्मेदारी से कर रही हैं.
घर-घर जाकर बच्चों की ले रही खोज खबर: कोरोना काल में आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहने से अभी बच्चे घर पर ही रह रहे हैं. ऐसे में आंगनबाड़ी सेविका की जिम्मेदारी और बढ़ गई है. इस जिम्मेदारी का निर्वाहन किस तरीके से हो रहा है, इस बारे में सबली देवी कहती हैं जब से कोरोना काल शुरू हुआ है, वह और उनकी सहायिका घर-घर जा रहे हैं. वहीं पर बच्चों के बारे में जानकारी ली जा रही है. साथ ही उनके परिजनों को पोषण के साथ बच्चे को किस तरीके से पढ़ाई के प्रति जागरूक करना है, यह बता रही हूं.
कोरोना को लेकर भी कर रही जागरूक: कोरोना काल में आंगनबाड़ी सेविका की जिम्मेदारी बढ़ गई हैं. बच्चों की तो देखभाल कर ही रही हैं, साथ ही गांव के लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक भी कर रही हैं. उन्हें सफाई के बारे में बता रही हैं. मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करने को भी कह रही हैं. एक साथ इतनी चुनौतियों को कैसे निभा रही हैं, इस बारे में सबली देवी कहती हैं कि शुरुआत में थोड़ा मुश्किल लग रहा था, लेकिन जैसे ही काम में राम गई तो अब महसूस नहीं होता. एक तरह से अब दिनचर्या बन गई है. सुबह बच्चों से संबंधित काम कर रही हैं तो शाम को कोरोना से संबंधित काम.
परिवार का भी मिल रहा सहयोग: सबली देवी के घर में ससुर हैं. पति मजदूरी करते हैं और बच्चे पढ़ाई. ऐसे में उनकी चुनौती और भी ज्यादा है, लेकिन घर के सदस्य उनके बूढ़े ससुर की देखभाल करते हैं. साथ ही घरेलू काम में भी हाथ बटा देते हैं. इससे उनका काम आसान हो जाता है और वह बेफिक्र होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करती हैं. सबली देवी कहती हैं कि कोरोना काल में काम बढ़ा तो बच्चे स्कूल भी नहीं जा रहे. वह घर में ही अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इस वजह से घर के काम में भी वह लोग सहयोग कर देते हैं, जिससे मेरा काम आसान हो जाता है.
कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें