Shardiya Navratri 2023: माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए खेला जाता है गरबा, जानिए इसका धार्मिक महत्व
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का मुहूर्त होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की प्रतिपदा 14 अक्टूबर को 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 15 अक्टूबर को 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। शारदीय नवरात्रि इस बार 15 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी, जैसा कि उल्लेख किया गया है।
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होती है। इस साल नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर, 2023 रविवार के दिन से हो रहा है।
HIGHLIGHTS
- 15 अक्टूबर, 2023 से हो रही है शारदीय नवरात्रि की शुरुआत
- शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
- जानिए, नवरात्रि में क्यों खेला जाता है गरबा।
Navratri Garba 2023: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होती है। इस साल नवरात्रि का शुभारंभ 15 अक्टूबर, 2023 रविवार के दिन से हो रहा है। इन नौ दिनों में माता रानी के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इस दौरान गरबा खेलने का भी चलन है। जितना रोचक ये खेल लगता है उतना ही रोचक इसके पीछे का इतिहास भी है। ऐसे में आइए जानते हैं गरबे का धार्मिक महत्व।
कैसे प्रचलन में आया गरबा शब्द
भारत में नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया खेलने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। पहले ये खेल केवल गुजरात और राजस्थान तक ही सीमित था, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और अब इस बड़े ही धूमधाम से पूरे भारत में खेला जाता है। गरबा शब्द असल में संस्कृत शब्द गर्भ-दीप से बना है। यहां गर्भ नारी की सृजन शक्ति का प्रतीक है। गरबा इसी दीप गर्भ का अपभ्रंश रूप है, जो आज चलन में है।