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यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष ने विद्यार्थियों को बताया सफलता की अचूक रणनीति

यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष ने विद्यार्थियों को बताया सफलता की अचूक रणनीति
लखनऊ । यूपीएससी में सफलता के लिए दिन-रात किताबों में डूबे रहना जरूरी नहीं है, बल्कि इसके लिए पढ़ाई की सही रणनीति आवश्यक है ।इसकी परीक्षाओं को लेकर प्रतिभागियों में एक यह भी भ्रम की स्थिति रहती है कि सफलता के लिए अंग्रेजी माध्यम का होना जरूरी है, जबकि ऐसा नहीं है। सच्चाई यह है कि यूपीएससी में सफलता के लिए भाषा कभी बाधक नहीं बनती। भाषा ज्ञान प्रकट करने का सिर्फ माध्यम है न कि उसका मापन।

ये बातें रविवार को यहां “क्या हो यूपीएससी में सफलता की अचूक रणनीति” विषय पर आयोजित सेमिनार में यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डीपी अग्रवाल ने कही। अभियान- 40 (आईएएस) एवं लखनऊ पब्लिक स्कूल संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सेमिनार में प्रो. अग्रवाल ने यूपीएससी की आकांक्षाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आयोग प्रतिभागियों से क्या अपेक्षा रखता है। साथ ही उन्होंने यूपीएससी के सिलेबस एवं उसके लिए पठन सामग्री, उत्तर लेखन, साक्षात्कार जैसे बिन्दुओं पर भी विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम में बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी चन्द्रिका प्रसाद ने पढ़ाई के दौरान आत्मसंयम एवं आत्म अनुशासन के महत्व को बताया। इस मौके पर अभियान – 40 (आईएएस) के विषय विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि यूपीएससी की परीक्षाओं में कभी प्रश्नों का दोहराव नहीं होता। यही कारण है कि कोई भी प्रतिभागी सीमित दायरा में पढ़कर आईएएस नहीं बन सकता।

अभियान-40 (आईएएस) के निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क प्रमोद कुमार ने बताया कि संस्थान की ओर से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को निःशुल्क आईएएस की तैयारी करवाई जाती है। अभी तक विभिन्न प्रशासनिक पदों के लिए यहां से एक हजार से अधिक छात्र -छात्राएं चयनित हो चुके हैं।

लखनऊ में इससे पूर्व लखनऊ पब्लिक स्कूल एवं कॉलेज के डीन लक्ष्मी शंकर अवस्थी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

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