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लक्ष्य कार्यक्रम से गुणवत्तापूर्ण प्रसव को मिलेगा बल 

 – मातृ एवं शिशु की अस्वस्थता व मृत्यु दर में आएगी कमी- संस्थागत प्रसव को मिलेगा बढ़ावा, लोग देंगे प्राथमिकता- केयर इंडिया का भी मिल रहा है सहयोग 

 लखीसराय, 16 अक्टूबर-

सरकार द्वारा सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसव के लिए लक्ष्य कार्यक्रम से ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा बल्कि इससे शिशु – मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी। इसका साकारात्मक बदलाव भी देखा जा रहा है। दरअसल, इस कार्यक्रम का उद्देश्य ही है प्रसव एवं प्रसव के बाद देखभाल में सुधार करना। इस कार्यक्रम के तहत लोगों को बेहतर सुविधा मिल रही है। जिसके कारण लोग संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दे रहे हैं।  – जिले के सभी अस्पतालों में क्रियान्वित है लक्ष्य कार्यक्रम : –  जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ आत्मानंद राय ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम जिले के सभी अस्पतालों में क्रियान्वित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही लोगों को इस कार्यक्रम के तहत बेहतर सुविधा मिल रही है। जिसके कारण लोग संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दे रहे हैं।  – लक्ष्य कार्यक्रम से गर्भवती महिला की देखभाल में होगा सुधार : – इस कार्यक्रम के तहत प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, प्रसव संबंधी गहन देखभाल इकाइयों और  उच्च निर्भरता इकाइयों ( एचडीयू ) में गर्भवती महिलाओं की देखभाल में सुधार होगा।  साथ ही प्रत्येक गर्भवती महिला और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले नवजात शिशु लाभान्वित होंगे। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सम्मानीय मातृत्व देखभाल (आरएमसी) की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस पहल के अंतर्गत बहुमुखी रणनीति अपनाई गई है। जिनमें बुनियादी ढांचागत सुधार, उन्नयन, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाना और प्रसूति गृहों में सुविधाओं में सुधार लाना शामिल है। -लक्ष्य कार्यक्रम में केयर इंडिया भी कर रही है सहयोग : लक्ष्य कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए केयर इंडिया भी सहयोग कर रही है और इस कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए हर संभव मदद कर रहे हैं। ताकि यह कार्यक्रम का लोगों को बेहतर तरीके से लाभ मिले।   इन मानकों का पालन कर कोविड-19 से रहें दूर : – -व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें।-बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।-साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।-छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें ।-उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें ।-घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.-बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की  दूरी बनाए रखें।-आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें।-मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें।-किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों।-कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें।-बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें।

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