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कमजोर नवजात शिशु के उचित देखभाल के लिए घर-घर जाकर जागरूक कर रही है टीम

  • केयर इंडिया की टीम के सहयोग से प्रखण्ड स्तर पर नवजात बच्चों होती है ट्रैकिंग

लखीसराय-
स्वास्थ्य विभाग के डब्ल्यूएनबी प्रोजेक्ट के तहत केयर इंडिया के सहयोग से जिले के सभी प्रखंडों में आशा दीदी घर-घर जाकर नवजात शिशु के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त कर रही है। इस कार्यक्रम में केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर, कम्युनिटी हेल्थ मैनेजर के साथ ही आशा एवं एएनएम बहनें घर-घर जाकर नवजात शिशु के वजन का जांच करती है। टीम यह जानने की कोशिश करती है कि जन्म के वक्त शिशु का वजन 2 किलो से कम तो नहीं है या फिर कहीं शिशु का जन्म निर्धारित समय से पहले तो नहीं हुआ है। इसके साथ ही टीम यह भी जानने की कोशिश करती है कि जन्म के बाद नवजात शिशु ठीक से अपनी मां का स्तनपान कर रहा है या नहीं। ऐसे बच्चों की पहचान होने के बाद केयर इंडिया के सहयोग से स्वास्थ्य की टीम बच्चों के उचित देखभाल के लिए उनके मां-बाप एवं अन्य लोगों को जागरूक करने का काम करती है।

नवजात शिशु की मां को साफ-सफाई और कंगारू मदर केयर तकनीक की दी जाती है जानकारी :
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया टीम के द्वारा नवजात शिशु की मां को बच्चे का सही तरीके से साफ-सफाई रखने, कंगारू मदर केयर तकनीक से देखभाल करने और ठंड के मौसम में बच्चे को गर्म रखने को ले आवश्यक जानकारी दी जाती है।

सर्दियों के मौसम में कैसे रखें नवजात शिशु का ध्यान दी जाती है जानकारी :
डॉ. चौधरी ने बताया कि सर्दियों की मौसम में नवजात शिशु को गर्म रखने एवं निमोनिया जैसी संकामक बीमारी से बचाने के लिए कंगारू मदर केयर तकनीक के बारे जानकारी दी जा रही है ताकि नवजात शिशु की मृत्यु दर को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि यह प्रयास डब्ल्यूएनबी यानि वीक न्यू बोर्न प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है। इसके तहत कमजोर नवजात शिशु की पहचान कर उसके उचित देखभाल के लिए उनकी मां एवं अन्य लोगों को जागरूक किया जाता है।

टीम में शामिल रहते है केयर इंडिया के प्रतिनिधि :
डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि टीम में केयर इंडिया के प्रतिनिधि के तौर पर ब्लॉक मैनेजर, कम्युनिटी हेल्थ कोर्डिनेटर सहित कई अन्य लोग शामिल रहते हैं।

कोरोना काल एवं सर्दियों के मौसम में कैसे करें नवजात शिशु की देखभाल –

  • सर्दियों के मौसम में नवजात शिशुओं को सबसे अधिक खतरा निमोनिया से होता है। इससे बचाव के लिए नवजात शिशु को हमेशा गर्म कपड़ें पहनकर या उसमें लपेटकर रखने की आवश्यकता है।
  • घर के जिस स्थान पर नवजात शिशु को रखा जा रहा हो उस स्थान को बजी हमेशा गर्म रखने की आवश्यकता है। इसके साथ हीं बच्चे का बेड एवं उसके नैपकिन पैड को भी हमेशा सूखा रखने की आवश्यकता है।
  • नवजात शिशु की मां को हमेशा अपने बच्चे को स्तनपान ही करना चाहिये ताकि बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो और वो कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो सके।
  • नवजात शिशु के लिए आवश्यक टीका अनिवार्य तौर पर लगवाएं।
  • नवजात शिशु को कई बीमारियों से बचाने के लिये उनकी मां को कंगारू मदर केयर तकनीक का सहारा लेना चाहिए।
    इसके साथ हीं नवजात बच्चे की मां को अपने रहन- सहन, खानपान में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है ताकि नवजात बच्चे के देखभाल में कोई चूक नहीं हो और नवजात शिशु की मृत्यु दर को कम किया जा सके।

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