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वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की मंदिर पक्ष की मांग स्वीकार

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का रास्ता साफ ;जूखाने को छोड़कर शेष हिस्से का होगा सर्वेक्षण

ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का रास्ता साफ हो गया है। शुक्रवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सर्वे को मंजूरी दे दी है। वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की मंदिर पक्ष की मांग स्वीकार की।जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने मस्जिद पक्ष की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए ज्ञानवापी के वजूखाने को छोड़कर शेष हिस्से की एएसआइ सर्वे कराने का आदेश दिया है।

सभी पक्षों की बहस हो चुकी थी पूरी

इस मामले में सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पिछली सुनवाई पर मस्जिद पक्ष ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की मांग की थी। वहीं मंदिर पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक विधि से जांच को इस मुकदमे के लिए बेहद अहम बताया था।

शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का मामला

बीते 12 मई को हाई कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया है। इसके बाद 19 मई को मंदिर पक्ष ने जिला वाराणसी की अदालत में पूरे ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक विधि से जांच की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था।

उनका कहना था कि ज्ञानवापी के उस हिस्से जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील है को छोड़कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की जानी चाहिए। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को आदेश देने की मांग किया। इसका विरोध करते हुए मस्जिद पक्ष ने अदालत में कहा कि इससे वहां मौजूद मस्जिद को नुकसान पहुंचेगा।

इससे मुकदमे का महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रभावित होगा। उनका कहना था कि बीते वर्ष मई माह में पांच दिन एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही हुई जिसकी रिपोर्ट अदालत में दाखिल है। इस पर अभी तक चर्चा नहीं हो सकी है। ऐसे में एक और सर्वे की मांग को खारिज किया जाना चाहिए।

 

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