यूपी मे मदरसों का होगा सर्वे, योगी सरकार के आदेश पर भड़के ओवैसी बोले, मिनी एनआरसी की तैयारी
उत्तर प्रदेश की योगी आदिथनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने राज्य के सभी ऐसे मदरसों के सर्वे का निर्देश जारी किया है, जिन्हें मान्यता नहीं मिली है। इसके लिए राज्य के सभी सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। सर्वे टीम में एसडीएम, बीएसए और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे. बुधवार को जारी इस आदेश के बाद सियासी गलियारे में खलबली मच गई है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि यूपी सरकार सर्वे के बहाने प्रदेश में एनआरसी लागू कर रही है.
ओवैसी ने कहा, ‘सभी मदरसे आर्टिकल 30 के तहत हैं फिर यूपी की सरकार ने सर्वे का आदेश क्यों दिया। यह सर्वे नहीं, बल्कि छोटा एनआरसी है। कुछ मदरसे तो यूपी मदरसा बोर्ड के तहत आते हैं। हमें आर्टिकल 30 के तहत अधिकार मिले हुए हैं और उसमें सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। वे केवल मुस्लिमों का उत्पीड़न करना चाहती है।’
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 16,461 मदरसे संचालित हैं, जिनमें से 560 को सरकार की तरफ से आर्थिक अनुदान दिया जाता है. सर्वे के तहत सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा की बिल्डिंग के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी. इसके अलावा रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, इलेक्ट्रिसिटी और टॉयलेट की व्यवस्था, टीचरों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम और इनकम का स्रोत के बारे में जांच की जाएगी.
कहा गया है कि एसडीएम के नेतृत्व में टीम बिना मान्यता वाले मदरसों की संख्या ,सुविधाएं और छात्र-छात्राओं की स्थिति का सर्वे करेगी। जिलाधिकारियों से सर्वे रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में 25 अक्टूबर तक शासन को मुहैया करवानी होगी।
इस विवाद पर पहले ही प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी पहले ही सफाई दे चुके हैं. दानिश आजाद अंसारी ने अपने बयान में बताया था कि सरकार की मंशा मदरसों में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के मुताबिक छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधा देने की है.