Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/u709339482/domains/mobilenews24.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
news

तुर्किये में भीषण भूकंप के कारण मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम गाजियाबाद से हुई रवाना

तुर्किये में भीषण भूकंप के कारण मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम गाजियाबाद से हुई रवाना

तुर्किये में भीषण भूकंप के कारण मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन की टीम वहां के लिए रवाना हो गई है। हिंडन एयरपोर्ट से मंगलवार तड़के तीन बजे विशेष विमान से 100 सदस्य टीम तुर्किये के अदाना एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई।

इस टीम में आठवीं बटालियन के 51 और कोलकाता की दूसरी बटालियन के 49 जवान शामिल हैं। आठवीं बटालियन की पांच महिला रेस्क्युअर्स भी इस टीम का हिस्सा हैं, जो पहली बार अंतर्राष्ट्रीय आपरेशन में भेजी गई हैं। गौरतलब है कि तुर्किये और सीरिया में लोग सोमवार सुबह नींद से उठे भी नहीं थे कि प्राकृतिक आपदा ने उन्हें आ घेरा। रिक्टर पैमाने पर 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप से दोनों देश दहल उठे। इसके कुछ ही घंटों के भीतर 7.6 और 6.0 तीव्रता के दो और भूकंप भी आए। इस आपदा में अब तक 3000 से ज्यादा मौतें हो चुकी है जबकि 13 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। भूकंप से हजारों इमारतें ढह गईं।

 

कड़ाके की ठंड और बारिश से राहत कार्यों में हो रही परेशानी

कड़ाके की ठंड और बारिश से राहत कार्यों में बाधा आ रही है। प्रभावित लोग बचने के लिए बर्फीली सड़कों पर जमा हो गए। दक्षिणी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में सबसे ज्यादा तबाही हुई। तुर्किये में 1,650 और सीरिया में करीब 1,100 लोग मारे गए हैं। हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अभी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। काफी लोग अभी भी मलबे में दबे हैं। इससे पहले तुर्किये में 1939 में 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। स्थानीय समयानुसार सुबह करीब सवा चार बजे आए भूकंप का मुख्य केंद्र तुर्किये के गजियांटेप प्रांत में नूरदगी से 23 किमी दूर पूर्व में रहा। करीब एक मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भूकंप के केंद्र से साढ़े पांच हजार किलोमीटर दूर ग्रीनलैंड तक झटके महसूस किए गए। लेबनान में लोगों ने करीब 40 सेकंड तक कंपन महसूस किया। सोमवार को तुर्किये में भूकंप के करीब 78 से अधिक झटके लगे। तुर्किये में मची तबाही के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। नीदरलैंड के एक शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने तीन फरवरी को एक ट्वीट कर भविष्यवाणी की थी कि इस क्षेत्र में 7.5 तीव्रता से अधिक का भूकंप आने वाला है। उनकी भविष्यवाणी तीन दिन बाद एकदम सही साबित हुई। उधर, तुर्किये ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। रूस, अमेरिका, भारत समेत चार दर्जन देश तुर्किये और सीरिया की मदद के लिए आगे आए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *