राज्य

कोरोना गाइडलाइन का पालन कराते हुए सामान्य मरीजों का इलाज शुरू

6 महीने बाद मायागंज अस्पताल की ओपीडी सेवा शुरू
पहले दिन बड़ी संख्या में आए मरीज इलाज कराने के लिए

भागलपुर, 12 अक्टूबर ।
मायागंज अस्पताल में ओपीडी सेवा 6 महीने के बाद सोमवार को शुरू हो गई। ओपीडी में पहले दिन बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे। सभी मरीजों का इलाज कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए किया गया। अस्पताल के अधीक्षक डॉ अशोक कुमार भगत ने बताया कि इंडोर के बाद अब ओपीडी सेवा भी अस्पताल में शुरू हो गई है । अब यहां पर सामान्य मरीजों के लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। जल्द ही सभी तरह की जांच भी अस्पताल में होने लगेगी। मरीजों के इलाज के दौरान कोरोना को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। इसे लेकर डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं।

सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक चलेगी ओपीडी सेवा:
अधीक्षक डॉ भगत ने बताया कि मायागंज अस्पताल में अभी सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सामान्य मरीजों के लिए ओपीडी सेवा चालू रहेगी। इस दौरान मरीजों का इलाज किया जाएगा। अगर इलाज के दौरान कोई गंभीर मरीज पाया जाता है तो उसे इमरजेंसी में भर्ती किया जाएगा। साथ ही अगर कोई कोरोना का मरीज मिलता है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

इंडोर सेवा 7 अक्टूबर को हुई थी शुरू:
5 अप्रैल को मायागंज को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर देने के बाद यहां पर सामान्य मरीजों का इलाज बंद हो गया था, लेकिन 5 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देश के बाद 7 अक्टूबर से इंडोर सेवा शुरू हुई और अब ओपीडी सेवा भी शुरू हो गई। अस्पताल में होने वाली जांच भी जल्द ही शुरू हो जाएगी।

ओपीडी को किया गया है सैनिटाइज:
डॉ भगत ने बताया कि इलाज के दौरान मरीजों में कोरोना का संक्रमण नहीं फैले, इसे लेकर ओपीडी को 3 दिनों तक सैनिटाइज किया गया है। आगे भी इसे सैनिटाइज किया जाता रहेगा। साथ ही इलाज करने वाले डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मास्क लगाकर इलाज करेंगे। अस्पताल प्रशासन ने इसे लेकर विशेष व्यवस्था की है। साथ ही इलाज कराने के लिए आने वाले मरीज और उसके परिजन भी बिना मास्क के ओपीडी में नहीं जा सकेंगे।

आसपास के जिलों समेत झारखंड से भी आते हैं मरीज:
मायागंज अस्पताल में इलाज कराने के लिए आसपास के जिलों समेत झारखंड से भी मरीज आते हैं। 6 महीने तक अस्पताल में सामान्य मरीजों का इलाज नहीं होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था लेकिन इंडोर और ओपीडी सेवा शुरू हो जाने से उन्हें बहुत बड़ी राहत मिली है। खासकर गंभीर मरीजों को इलाज के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा और ना ही निजी अस्पताल का रुख करना पड़ेगा।

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