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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत ओठ-तालू कटे बच्चों का होता है सुरक्षित ऑपरेशन

  • इस कार्यक्रम के तहत जमुई के खैरा गांव के एक बच्चे का करवाया गया ऑपरेशन
  • सदर जमुई के सहयोग से बच्चे का पटना स्थित आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में हुआ ऑपरेशन
    जमुई, 10 दिसंम्बर : जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सिलाई टांड़ निवासी श्री राम साव के बच्चे विनय कुमार का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उसके कटे ओठ-तालू का ऑपरेशन हुआ। बच्चे का ऑपरेशन जमुई सदर हॉस्पिटल के सहयोग से पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में किया गया है।
    खैरा गांव के एक वर्ष के बच्चे का हुआ सफल ऑपरेशन :
    बच्चे के पिता श्री राम साव ने बताया कि आज से लगभग एक साल पहले उनके बच्चे विनय का जन्म खैरा प्रखंड क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर हुआ था। जन्म से ही हमारे बच्चे का ओठ और तालू कटा हुआ था। इसके बाद उन्होंने सबसे पहले जमुई के शिशु रोग विशेषज्ञ एस.एन.झा से मिलकर अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने सदर हॉस्पिटल जमुई में कार्यरत डॉक्टर डॉ. नॉशाद से मिलने की बात कही। डॉ. नॉशाद से मिलने के बाद उन्होंने सदर हॉस्पिटल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. कृष्णमूर्ति से मिलने की बात कही। इसके बाद उन्होंने डॉ. कृष्णमूर्ति से मुलाकात कर उनसे अपने बच्चे की परेशानी बताई तो उन्होंने अपने तरफ से हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया। इसके बाद मेरे बच्चे की ऑपरेशन से पहले की सभी जांच करने के बाद ऑपरेशन के लिए बच्चे को स्वस्थ्य पाए जाने के बाद सदर हॉस्पिटल से रेफर करते हुए एम्बुलेंस से पटना स्थित आइजीआइएमएस हॉस्पिटल भेज दिया। जहां हमारे बच्चे के ओठ का सफल ऑपरेशन किया गया और तालू के ऑपरेशन के लिए चार-पांच महीने के बाद बुलाया गया है।

सदर जमुई के सहयोग से बच्चे का पटना स्थित आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में हुआ ऑपरेशन:
लगभग एक वर्ष का बच्चा विनय कुमार की मां गीता देवी ने बताया कि विनय मेरा दूसरा बेटा है। इससे बड़ा बेटा विवेक कुमार लगभग चार साल का है। आज से लगभग चार महीने पहले मेरे बच्चे विनय कुमार के ओठ का ऑपरेशन हुआ है और चार-पांच महीने के बाद फरवरी में तालू के ऑपरेशन के लिए बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि आइजीआइएमएस पटना के डॉक्टर सतीश कुमार ने मेरे बच्चे को देखा और डॉक्टर नवीन मिश्रा ने ओठ का ऑपरेशन किया। उन्होंने बताया कि सदर हॉस्पिटल जमुई में ऑपरेशन से पहले की जांच से लेकर अन्य सुविधाओं में कोई कमी नहीं मिली। डॉ. कृष्णमूर्ति ने जांच से लेकर पटना भेजने के साथ हीं ऑपरेशन होने तक लगातार संपर्क करते रहे।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर जन्मजात विक्रतियों वाले बच्चों को चिन्हित कर रही आरबीएसके टीम:
सदर हॉस्पिटल जमुई में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर बीएसके) के समन्वयक डॉ. कृष्णमूर्ति ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में कार्यरत पीएचसी एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओठ- तालू कटे बच्चों को चिन्हित करने के लिए आरबीएसके की काम कर रही है। इन केंद्रों पर चिन्हित बच्चों को प्राथमिक जांच-पड़ताल ले बाद सदर हॉस्पिटल भेजा जाता है। इसके बाद सदर हॉस्पिटल में आये बच्चों को उपलब्ध संसाधनों से ऑपरेशन से पहले की सभी जांच की जाती है और जांच के बाद बच्चे को ऑपरेशन के लिए स्वस्थ्य पाए जाने के बाद हॉस्पिटल के एम्बुलेंस से बिहार स्थित किसी भी मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बच्चे को ऑपरेशन के रेफर करने के बाद ही टीम का काम समाप्त नहीं हो जाता है। बच्चे के ऑपरेशन होने तक और उसके बाद भी उसकी लगातार मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग की जाती है। इसके साथ हीं बच्चे का ऑपरेशन होने बाद सदर हॉस्पिटल के एम्बुलेंस से हीं वापस उसके घर भेजा जाता है।

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