newsदेशविदेश

चीन और अमेरिका की तनातनी के बीच अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार रात को ताइवान पहुंच गईं।

नैंसी पेलोसी के ताइपे में उतरने के तुरंत बाद, 21 चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरी। चीन ने पेलोसी के ताइवान यात्रा को लेकर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी थी। पेलोसी धमकी को नजरअंदाज कर वहां पहुंची हैं। चीन ताइवान पर अपना दावा जता रहा है और पिछले 25 साल में इस स्वतंत्र द्वीप की यात्रा करने वाली पेलोसी अमेरिका की बड़ी नेता हैं

अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसीचीन की धमकी से डरे बगैर मंगलवार रात ताइवान पहुंच गईं। इसके बाद चीन व अमेरिका के बीच ताइवान की आजादी के मुद्दे पर तनातनी और बढ़ गई है ।वहीँ  पेलोसी ने  चर्चा में ताइवान की सरकार व जनता से कहा कि  उनकी यात्रा मानवाधिकारों की रक्षा, अनुचित व्यापार परंपराओं का विरोध और सुरक्षा को लेकर है। दरअसल चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर अमेरिका को गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी थी। पेलोसी इस धमकी को नजरअंदाज कर एक दिनी यात्रा पर वहां पहुंचीं।

पिछले 25 साल में इस स्वतंत्र द्वीप की यात्रा करने वाली पेलोसी अमेरिका की पहली बड़ी नेता हैं। उनकी यात्रा के विरोध में चीन ने ताइवान में अपने लड़ाकू विमान उड़ाकर अमेरिका को ताकत दिखाने का प्रयास किया, लेकिन महाशक्ति देश ने उसे नजरअंदाज कर दिया। पेलोसी के विमान के ताइपे में उतरने के कुछ मिनट बाद ही चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने घोषणा की कि वह ताइवान के आसपास के जलक्षेत्र में छह लाइव-फायर सैन्य अभ्यास करेगी,

जो गुरुवार से रविवार तक होने वाली है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि ताइवान मुद्दे पर अमेरिकी की धोखेबाजी से उसकी साख दिवालिया हो चुकी है। अमेरिकी ने दादागीरी कर एक बार फिर दिखा दिया है कि दुनिया में शांति के लिए वह सबसे बड़ा खतरा है। उधर, अमेरिका ने अपनी नीति में किसी भी तरह के बदलाव का संकेत नहीं दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *