राज्य

जिले के पीएचसी में संचालित टीकाकरण केंद्र मॉडल टीकाकरण कार्नर के रूप में होगा विकसित

  • गुणवत्तापूर्ण एवं खुशनुमा वातावरण में लोगों को मिलेगी टीकाकरण की सुविधा
  • राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर दिए निर्देश

लखीसराय, 05 अक्तूबर, 2020
जिले के पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में संचालित नियमित टीकाकरण केंद्र मॉडल टीकाकरण कार्नर के रूप में विकसित होगा। जिससे लोगों को गुणवत्तापूर्ण एवं खुशनुमा वातावरण में टीकाकरण की सुविधा मिलेगी। इसे शीघ्र सुनिश्चित कराने को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिए हैं। जिसमें कहा है कि जल्द से जल्द इसे सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक कार्य पूरा किया जाय। ताकि लोगों को जल्द से जल्द बेहतर टीकाकरण सुविधा का लाभ मिल सकें। जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण का दर कम है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन का मुख्य उद्देश्य शहरी, खासकर स्लम बस्तियों में रहने वालों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जिसमें गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देना है।

शिशुओं के साथ गर्भवती महिलाओं को दिए जाएंगे टीके :
डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया मॉडल टीकाकरण कार्नर के रूप में विकसित होने से लोगों को गुणवत्तापूर्ण एवं खुशनुमा वातावरण में टीकाकरण की सुविधा मिलेगी। सरकार व स्वास्थ्य विभाग का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं में शत प्रतिशत टीकाकरण कराना है। जिसके प्रति आम लोगों को जागरूक करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण तरीके से टीकाकरण की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। इन टीकाकरण कार्नर में गर्भवती महिलाओं और जन्म के बाद के शिशुओं को टीका दिया जाएगा जो पूरी तरह नि:शुल्क होगा। इसकी खासियत है कि यह सुबह 11 बजे से रात को 7 बजे तक खुला रहेगा। अभी सदर अस्पताल में सुबह आठ बजे से 2 बजे दिन तक टीका दिया जा रहा है।

आधुनिक सुविधाओं से है सुसज्जित :
डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया मॉडल टीकाकरण कार्नर में बच्चों को खेल-खेल में टीका देने के उद्देश्य से दीवारों पर कई कार्टून कैरेक्टर बनाकर उनके मनोरंजन का ख्याल रखने का प्रयास किया गया है। इससे सरकारी केंद्रो में टीकाकरण कराने से परहेज करने वाले इसके प्रति आकर्षित होंगे। स्वच्छ एवं बेहतर वातावरण में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। इन केंद्रों में बच्चों को सुलाने, समुचित प्रकाश की व्यवस्था, टीकाकरण कराने के लिए आने वाली माताओं तथा अभिभावकों के बैठने की व्यवस्था होगी। कर्मियों के बैठने की व्यवस्था के अलावा वैक्सीन के रख-रखाव की समुचित व्यवस्था की गयी है और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। साथ ही टीकाकरण के फायदों को बोर्ड- पोस्टर के माध्यम से भी बताया गया है।

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