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कर्नाटक के बाद तेलंगाना में क्यों उठा मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा, पढ़ें कब हुई इसकी शुरुआत?

कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में भी मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तेलंगाना में बीजेपी सरकार बनने पर मुस्लिम आरक्षण को खत्म किया जाएगा। कर्नाटक में भी इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकी गई।कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान होने ही मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा जोर पकड़ने लगा। सिर्फ कर्नाटक की नहीं, अब ये मुद्दा तेलंगाना में भी गूंजने लगा है। दरअसल, तेलंगाना में भी इसी साल चुनाव है, इसलिए माना जा रहा है कि तेलंगाना में ये मुद्दा ज्यादा चर्चा में रहेगा।

क्यों चर्चा में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा?

दरअसल, कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने कुछ ही महीने पहले राज्य में मुस्लिमों को दिया जाने वाला चार फीसदी अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) आरक्षण खत्म कर दिया है। आरक्षण को वोक्कालिगा और लिंगायत में दो-दो प्रतिशत बांटने का एलान किया गया है। राज्य सरकार के इसी फैसले से विवाद की शुरुआत हुई।

मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ बीजेपी नेता

बीजेपी नेता मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ मुखर हो रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों एक रैली में कहा था कि अगर तेलंगाना में बीजेपी की सरकार बनी तो राज्य में मुसलमानों को मिलने वाला आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा। बीजेपी नेताओं का कहना है कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के खिलाफ है। यही वजह है कि कर्नाटक में इसे खत्म किया गया।

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