घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा पर महिलाओं ने सीखा गुर, सहयोगी संस्था द्वारा किया गया क्षमतावर्धन
• घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा पर महिलाओं में नेतृत्व की बनी समझ
• हिंसा के ख़िलाफ़ आवाज बुलंद करने की जरूरत पर महिलाओं की बनी सहमति
• ‘अब और नहीं हिंसा’ बना प्रशिक्षण का मूल-मंत्र
पटना/ 8, अक्टूबर: हिंसा की परिभाषा अभी भी समाज में शारीरिक आघात पर आकर ठहर जाती है. शायद यही वजह है कि घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा अपनी छाप समुदाय में छोड़ नहीं पाती है. महिलाएं घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा के शिकार होने के बाद भी कभी वह शिकार होने की पुष्टि नहीं कर पाती तो कभी पुरुषों द्वारा बने सामाजिक ताने-बाने को तोड़कर अपनी आवाज बुलंद करने में असफ़ल हो जाती हैं. ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर महिलाओं का क्षमतावर्धन ही आखिरी रास्ता शेष बचता है. इस दिशा में गुरूवार को घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा पर कार्य कर रही सहयोगी संस्था ने दानापुर के प्राथमिक विद्यालय, बन्धुटोला में गाँव के चयनित महिलाओं को घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा पर क्षमतावर्धन करने के मकसद से प्रशिक्षण दिया. ‘अब और नहीं हिंसा’ को प्रशिक्षण का मूल-मंत्र बनाया गया एवं महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया.
हिंसा के खिलाफ़ लड़ाई के लिए हिंसा की समझ जरुरी:
सहयोगी संस्था की कार्यकारी निदेशक रजनी सहाय ने बताया कि महिलाओं द्वारा घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ़ आवाज बुलंद करने की बात करना बहुत आसान है. यह कहना तभी तक आसान मालूम होता है जब तक आप ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाओं के सम्पर्क में नहीं है. सहयोगी संस्था कई वर्षों से ऐसे ही संवेदनशील मुद्दे पर कार्य कर रही है. संस्था के कर्मी निरंतर महिलाओं के संपर्क में रहते हैं. विशेषकर ऐसी महिलाएं जो अपनी मूलभूत जरूरत यानी रोटी, कपड़ा और मकान के लिए हर दिन संघर्ष करती हों, उनकी सूची से घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा कहीं न कहीं गायब दिखती है. ऐसी महिलाओं को घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा की समझ नहीं है. अगर समझ भी है तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है. ऐसी परिस्थति में महिलाओं को घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा की बारीकियां बताना जरुरी हो जाता है एवं उन्हें एक ऐसी स्थिति में पहुँचाना जरुरी है जहाँ से वह अपने कर्तव्यों के साथ अधिकार को समझ सकें इस लिहाज से ऐसे प्रशिक्षण उनके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते हैं . सहयोगी संस्था निरंतर महिलाओं के क्षमतावर्धन के लिएप्रशिक्षण आयोजित करती है ताकि महिलाओं के अंदर घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा की सिर्फ समझ ही नहीं विकसित हो बल्कि इसके खिलाफ उनके भीतर आवाज बुलंद करने की नेतृत्व क्षमता का भी विकास हो सके.
सकारात्मक बदलाव की पूरी उम्मीद:
सहयोगी की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर उन्नति रानी ने प्रशिक्षण के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा के हर पहलुओं की जानकारी दी गयी. इस दौरान यह भी देखा गया कि घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा को लेकर उनकी अपनी क्या राय है. उसके अनुसार इस विषय पर अधिक जानकारी दी गयी. उन्होंने बातया कि प्रशिक्षण समापन के बाद यह भी जानने की कोशिश की गयी कि घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा को लेकर उनकी कितनी समझ विकसित हो सकी है. प्रशिक्षण के बाद यह जानकर ख़ुशी भी हुयी कि घरेलू एवं लिंग आधारित हिंसा पर मिलकर मुखर होने की महिलाओं ने अपनी सहमति दी.