आशा कुसुमबाला सिन्हा घर-घर पहुंचा रहीं स्वास्थ्य सुविधाएं
-संस्थागत प्रसव से लेकर जागरूकता तक में निभा रहीं अपनी भूमिका
-क्षेत्र के लोगों में हैं लोकप्रिय, स्वास्थ्य विभाग में भी है अलग पहचान
बांका, 10 जून-
बौंसी प्रखंड के पंडाटोली में आप किसी से भी आशा कुसुमबाला सिन्हा के बारे में पूछ लेंगे तो वह उनके बारे में पूरी जानकारी आपको दे देगा। कुसुमबाला ने क्षेत्र में यह पहचान अपनी मेहनत से बनाई है। पिछले 17 सालों से बतौर आशा कार्यकर्ता वह क्षेत्र के लोगों की सेवा कर रही हैं। इस कारण क्षेत्र के एक-एक लोग उनसे मुखातिब हैं। हर किसी को पता है कि वे क्या करती हैं और कब उनकी जरूरत है। संस्थागत प्रसव से लेकर एएनसी जांच करवाने तक में कुसुमबाला सिन्हा आगे रहती हैं। हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं को एएनसी जांच करवाने के लिए बौंसी रेफरल अस्पताल भेजती हैं।
क्षेत्र के लोगों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधाः क्षेत्र के अर्जुन भंडारी कहते हैं कि कुसुमबाला सिन्हा सभी लोगों का ख्याल रखती हैं। उन्हें एक-एक घर के बारे में जानकारी रहती है, इसलिए किसे कब किस तरह की जरूरत है, उसके अनुसार सलाह देती हैं। कब अस्पताल जाना है, यह बात वह बता देती हैं। खासकर प्रसव वाले मामले में तो उनका योगदान सराहनीय है। वहीं मिनटुन दत्ता कहते हैं कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाना बहुत बड़ी बात है। हर कोई तो शिक्षित नहीं रहता , इसलिए उसे हर तरह की जानकारी भी नहीं रहती है। लेकिन कुसुमबाला के सहयोग से लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। यह कम बात नहीं है।
लोगों को बहुत फायदा पहुंच रहाः क्षेत्र के ही अंजनी झा कहते हैं कि वह लगातार क्षेत्र के लोगों को जागरूक करती रहती हैं। कब किस चीज का छिड़काव होगा या फिर कहां मेडिकल कैंप लगेगा। टीकाकरण के लिए कहां पर जाना है। यह बताती रहती हैं। इसका लोगों को बहुत फायदा पहुंचता है। जानकारी रहने से लोग समय से हर जगह पहुंच जाते हैं। इससे समय भी बचता और लोगों का इलाज भी हो जाता है। अभिमन्यु झा कहते हैं कि कुसुमबाला ने क्षेत्र में काबिलेतारीफ काम किया है। हमलोगों को जितनी भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुविधाएं मिल रही, वह उपलब्ध करवा रही हैं। इससे हमलोगों को आर्थिक बचत भी हो रही है । अगर वह न बताए तो आमलोगों को निजी अस्पताल में पैसा खर्च करना पड़ेगा।
सभी लोग मेरी सलाह को मानतेः कोरोना काल में भी किया बेहतर कामः कुसुमबाला कहती हैं कि पहले हमलोग प्रसव और सामान्य स्वास्थ्य से जुड़े काम करती थी। अब कोरोना आ जाने काम बढ़ गया है। चुनौती दोहरी हो गई है। सामान्य काम के साथ-साथ कोरोना को लेकर भी लोगों को जागरूक करने और टीकाकरण का काम करती हूं। अच्छी बात यह है कि लोग भी मेरी बात को मानते हैं। किसी तरह की जिरह नहीं करते। इसका फायदा उन्हें मिल रहा है। 2005 से काम कर रही हूं। शुरुआत में थोड़ी परेशानी होती थी, लेकिन अब तो इतने दिनों का रिश्ता बन गया है। अब कोई समस्या नहीं होती। सभी लोग मेरी सलाह को मानते हैं।