राज्य

आंगनबाड़ी केंद्रों पर आरोग्य दिवस पर बच्चों का हो रहा है टीकाकरण

– शिशु मृत्यु दर से बचाव के लिए जरूरी है टीकाकरण 

– 5 साल तक के बच्चों को कई बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए लगाया जाता है टीका

मुंगेर, 28 फरवरी
जिला में बुधवार और शुक्रवार को आयोजित होने वाले आरोग्य दिवस के दिन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के टीकाकरण के साथ ही ई- संजीवनी ओपीडी सेवाऐं भी सफलतापूवर्क प्रदान की जा रही हैं। इस दौरान बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित आवश्यक जानकारियां भी उनकी माताओं को दी जा रही हैं। इस अवसर पर सेविका, सहायिका के द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य के विषय में भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी  दी जाती हैं। जिला के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जाने वाली टेलीमेडिसीन की सुविधा का अब तक हजारों की संख्या में मरीजों द्वारा लाभ उठाया जा चुका है। जिला के सभी केन्द्रों पर कूरियर के माध्यम से दवाइयाँ पहुँचायी जा रही हैं। जिसे मरीजों को उनके आवश्यकता अनुरूप उपलब्ध करायी जा रही है। घर बैठे इलाज पा मरीजों के चेहरों पर खुशी देखी जा रही है। सरकार द्वारा घर बैठे लोगों का टेलीमेडिसीन के माध्यम से निपुण चिकित्सकों द्वारा परामर्श एवं दवा पा मरीजों को काफी राहत मिली। जिले के सभी प्रखंडों में टेलीमेडिसीन की टीम मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज कर रही है। 

-विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीज़ों को दी जा रही हैं जानकारी : डीआईओ
ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.राजेश कुमार रौशन ने बताया कि जिलेवासियों को टेलीमेडिसीन की सुविधा सभी आरोग्य दिवस साइट्स पर एएनएम द्वारा  टेलीफोन या मोबाइल के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों से बातचीत करा कर दी जा रही है। इस दौरान मरीजों के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी चिकित्सकों द्वारा ली जा रही है। इसके साथ ही उन्हें इलाज के लिए आवश्यक उपचार एवं दवा खाने के लिए परामर्श भी दिया जा रहा है। उसके बाद स्थानीय एएनएम द्वारा लाभार्थी मरीज को चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। जब से इस  अभियान की शुरुआत की गई तब से मरीजों को अन्य तरह की सुविधाएं मिलनी शुरू हो गयी हैं।
– शिशु मृत्यु दर से बचाव के लिए जरूरी है टीकाकरण :
 जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. रौशन ने बताया कि शिशुओं के सम्पूर्ण टीकाकरण के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है। जो न केवल बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता  बल्कि नवजात व शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है। इसके साथ ही समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है। उन्होंने बताया, शिशु मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से अनेक ऐसी बीमारियां हैं, जिनको नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। लेकिन इन सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण है। ताकि, बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों में होने वाले पोलियो, टीबी, खसरा एवं रूबेला, निमोनिया, डायरिया, हेपेटाइटिस-बी, गलाघोंटू, काली खांसी, दिमागी बुखार एवं टीटनेस जैसे कई गंभीर रोगों से टीकाकरण बचाव करता एवं शिशु मृत्यु दर में काफ़ी कमी लाता है। जिले के सभी बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिये सदर अस्पताल के साथ-साथ प्रखंड स्तर के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीका उपलब्ध है। 

आरोग्य दिवस सप्ताह में दो दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किया जाता है टीकाकरण :
जिला में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को आरोग्य दिवस यानि ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया जाता है। इस दौरान 5 साल तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण सारणी के अनुसार टीका लगाया जाता है। आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम के सहयोग से आरोग्य दिवस का सफ़ल संचालन किया जाता है। जिले के सभी आशा एवं एएनएम को टीकाकरण की महता पर नियमित उन्मुखीकरण भी किया जाता है। गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत आशाएं नियमित गृह भ्रमण करती हैं। वह नवजातों की देखभाल के साथ उनके परिजनों को टीकाकरण के विषय में भी जागरूक करती हैं।

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