news

होम आईसोलेशन के नियमों में हुआ संशोधन, 10 दिनों तक मरीजों को निगरानी चार्ट भरने की दी गयी सलाह

• हल्के/बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आईसोलेशन में रहने की सलाह
• होम आईसोलेशन के दौरान ऑक्सिमीटर रिकॉर्डिंग एवं थर्मल स्क्रीनिंग बेहद जरुरी
• एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले एवं कैंसर आदि गंभीर रोगियों को होम आईसोलेशन में नहीं रहने की सलाह
• होम आईसोलेशन की अवधि समाप्त होने पर दोबारा जाँच कराने की नहीं है जरूरत

बांका, 19/ मई: कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को अधिक सतर्क रहने की निरंतर सलाह दी जा रही है. कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस बार अधिक लोग अस्पतालों तक पहुंच भी रहे हैं. लेकिन हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड मरीज घर पर रहकर भी स्वस्थ हो सकते हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आईसोलेशन के नियमों में बदलाव करते हुए संशोधित गाइडलाइन्स जारी की है. यद्यपि, पिछले साल 2 जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के माइल्ड एवं बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आईसोलेशन की सलाह दी थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर इसमें कुछ बदलाव किये गए हैं.

योग्य मरीजों को ही होम आई आईसोलेशन में रहने की सलाह:
गाइडलाइन में सभी कोविड मरीजों को होम आईसोलेशन में रहने की सलाह नहीं दी गयी है. होम आईसोलेशन के लिए ईलाज कर रहे चिकित्सक के द्वारा चिकित्सकीय जांच के आधार पर हल्के/ बिना लक्षण वाले मरीज के तौर पर प्रमाणित करने की जरूरत को अनिवार्य बताया गया है. ऐसे मामलों में मरीज के घर पर सेल्फ- आईसोलेशन और परिवार के लोगों को क्वारंटीन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को 24×7 आधार पर उपलब्ध रहना चाहिए. मरीज की देखभाल कर रहे व्यक्ति और करीब लोगों को चिकित्सक अधिकारी के परामर्श के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोक्व़ाइन प्रोफाईलैक्सिस लेनी चाहिए.
वहीं, कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले यानी एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले एवं कैंसर रोग से पीड़ित लोगों को होम आईसोलेशन में नहीं रहने की सलाह दी गयी है. जबकि 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे लोग जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग एवं कमजोर फेफड़े/ गुर्दे की बीमारी से ग्रसित हैं उनमें कोरोना की पुष्टि होने पर चिकित्सक की अनुमति के बाद ही होम आईसोलेशन में रहने की बात कही गयी है.

होम आईसोलेशन में 10 दिनों तक भरें निगरानी चार्ट:
गाइडलाइन में होम आईसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों को 10 दिनों तक निगरानी चार्ट भरने की सलाह दी गयी है. निगरानी चार्ट में प्रत्येक दिन के शरीर के तापमान एवं ऑक्सिमीटर से ह्रदय गति एवं ऑक्सीजन के स्तर को भरने की सलाह दी गयी है. साथ ही निगरानी चार्ट में ही प्रत्येक दिन की स्थिति भी भरने की बात कही गयी है, जैसे स्थिति पहले से बेहतर, पहले जैसी या उससे खराब हुयी है.

पल्स ऑक्सिमीटर एवं थर्मल गन से ऐसे लें सही रीडिंग:
घर पर उपचार करने वाले रोगियों को शरीर के तापमान एवं ऑक्सीजन लेवल की जानकारी रखना बेहद जरुरी माना गया है. इसके लिए घर में पल्स ऑक्सिमीटर एवं थर्मल गन रखने की सलाह दी गयी है.पल्स ऑक्सिमीटर को चालू कैसे करें. यह सुनिश्चित करें कि स्क्रीन पर संख्या दिख रही हो. हाथ के बीच वाली ऊँगली को ऑक्सिमीटर में सही तरीके से डालें. पल्स का पता लगाने एवं स्क्रीन पर ऑक्सीजन के स्तर की सही रीडिंग के लिए कुछ सेकंड इंतजार करें. यदि ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम होता है तो व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. गलत रीडिंग से बचने के लिए नेल पॉलिश लगी ऊँगली से जाँच न करें. थर्मल गन से तापमान मापने के लिए इसे हथेली से पकड़कर 6 इंच की दूरी पर रखें और तापमान को रिकॉर्ड करने के लिए निर्धारित बटन को दबाएं. यदि तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट है या इससे अधिक है तो इसे बुखार माना जाता है. किसी दूसरे व्यक्ति को थर्मल गन देने से पहले इसे सेनेटाइज जरुर करें.
कोविड रोगी एवं देखभालकर्ता इन बातों का रखें ध्यान:

होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है. मरीज दिन में दो बार गर्म पानी से गरारे एवं भांप ले सकते हैं. रेमेडीसीवीर या इस तरह की अन्य अनुसंधान्तामक थेरेपी को लेने से पहले किसी चिकित्सक की सलाह लेना जरुरी कहा गया है. साथ ही ऐसी दवाओं को खरीदकर घर में रखने एवं खुद से इंजेक्शन लेने से मना किया गया है.
गाइडलाइन में कोविड रोगी को घर के एक कमरे में रहने तथा विशेषतौर पर परिवार में मौजूद गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों से दूरी बनाकर रहने के लिए कहा गया है. साथ ही कमरे में पर्याप्त फ्रेश हवा की मौजूदगी एवं इसके लिए वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी गयी है. कमरे में देखभालकर्ता तथा रोगी दोनों तीन लेयर के मास्क इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है. साथ ही अधिकतम आठ घंटे तक ही एक मास्क का इस्तेमाल करने की बात कही गयी है. मास्क के भींग जाने के बाद उसे तुरंत बदल लें. देखभालकर्ता को मरीज से शारीरिक दूरी, नियमित अन्तराल पर हाथों की सफ़ाई एवं रोगी के द्वारा इस्तेमाल की जा रही चीजों का घर के अन्य सदस्यों से दूर रखने की हिदायत भी दी गयी है. गाइडलाइन में मास्क एवं अन्य चीजों के सुरक्षित डिस्पोजल की भी सलाह दी गयी है.

इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह जरुरी:

• सांस लेने में तकलीफ़ होने पर
• ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर
• छाती में लगातार दर्द का बने रहना या अचानक बढ़ जाना
• मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर

होम आइसोलेशन के बाद दोबारा जाँच करने की नहीं है जरूरत:
होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी 10 दिनों के बाद बाहर आ सकते हैं. होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद जांच की कोई आवश्यकता नहीं होती है. होम आइसोलेशन के दौरान रोगी अधिक से अधिक आराम करें और खूब पानी पीकर शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ायें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *